….और फिर तस्कर फरार, पहले ही की तरह शराब बरामद

चार दारोगा व हमराही सिपाहियों ने की थी घेरेबंदी

बैरिया(बलिया)। पुलिस मुखबिरों की सटीक सूचना पर समय से बिहार ले जाई जा रही अंग्रेजी शराब के खेप वाले वाहन को घेर लेती है. शराब व वाहन तो बरामद हो जाता है. लेकिन तस्कर मौके से हथियार बन्द, प्रशिक्षित पुलिस के घेराबन्दी को तोड़ कर सुरक्षित भाग निकलते है. ऐसा लगातार होने से यह बातें कई रूप मे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिसिया मिली भगत, राजनैतिक संरक्षण या फिर दोनों पर उंगलियां उठ रही हैं.
बता दें कि सोमवार की शाम मुखबीर की सूचना पर एसएचओ गगन राज सिंह, चौकी प्रभारी चांददियर योगेन्द्र सिह, बैरिया वीरेन्द्र दुबे, चौकी प्रभारी जयप्रकाश नगर आदि हमराहियों के साथ बिहार सीमा के करीब सेवादास की मठिया के करीब महुली पुल के रास्ते बिहार जाने वाली मिनी ट्रक की घेरेबंदी की. मौके पर से वाहन मे बैठे पांच शराब तस्कर पुलिस के घेराबन्दी से निकल भागे. तलाशी मे 750एमएल, 350 एमएल व 180 एमएल शीशियों वाली 153 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई. पुलिस ने भागने वाले तस्करों को पकड़ तो नहीं पाई, लेकिन पहचान कर ली है.
इसके पहले इसी दिन यानी सोमवार को भोर में सोनबरसा दलनछपरा मार्ग पर पुलिस के इसी दस्ता ने मुखबीर की ही सूचना पर पिकप की घेरेबंदी की. उसमे भी पिकप पर बैठे चार तस्कर भाग निकले. लेकिन तलाशी मे पुलिस ने 100 पेटी शराब बरामद की. यहा भी तस्करों की पहचान हुई. बल्कि दोनो मामलों मे कुछ कामन तस्करों पर मुकदमा दर्ज हुआ, और कानूनी कार्यवाही भी की गई.
बताते हैं बिहार मे शराब बन्दी के बाद सड़क मार्ग व नदी के रास्ते बिहार मे शराब का खेप भेजने का सिलसिला अनवरत जारी है. इस मामले में पुलिस ने जब चाहा लाखों का शराब पकड़ा, गोदाम पकड़े, गड्ढा करके खेत मे छिपाया गया शराब का जखीरा पकड़ा. करोड़ों की बरामदगी की. लेकिन बहुत ही कम ऐसा हुआ कि तस्कर हाथ आया हो. जो लोगों के बीच चर्चा का विषय है. इस बावत पूछे जाने पर क्षेत्राधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही तत्काल कार्यवाही की जाती है. पुलिस का पूरा जोर है कि शराब की तस्करी न होने पाए. जो लोग इसमे वांछित हो रहे हैं उनके गिरफ्तारी व अन्य कार्यवाही के लिए टीम बनाई जा रही है.

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