
सुखपुरा(बलिया)। कहा जाता है कि भगवान के यहां जोड़ी तैयार किया जाता है. इंसान बस माध्यम भर है. भटकते भटकते इंसान ईश्वर की रचना को आत्मसात ही करता है. ऐसे अद्भुत संयोग पर लोग यह कहने के लिए बाध्य होते हैं कि ईश्वर हैं.
कुछ ऐसा ही संयोग गुरुवार को गड़वार के तिलेश्वर नाथ मन्दिर में देखने को मिला. जहां साढ़े तीन फिट के बौना दम्पति ईश्वर को साक्षी मानकर एक दूसरे के हो रहे थे.
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सब लोग भगवान की दुहाई दे रहे थे. ईश्वरीय सत्ता का गुणगान कर रहे थे. दूल्हा चितबड़ागांव के प्राज्ञानन्द तिवारी अपने माता पिता के साथ बरात लेकर तिलेश्वर मन्दिर पहुंचे. जहाँ दुल्हन नगरा निवासी नेहा के पिता परशुराम पाण्डेय ने वर पक्ष का स्वागत किया. इसके बाद परम्परागत ढंग से विवाह की रश्मे पूरी की गई. वधू पक्ष के लोगों ने बारातियों की जमकर खातिरदारी की. इस विवाह को देखने के लिए क्षेत्र के सैकड़ो लोग इकट्ठा हुए थे. यही नही जब वर अपनी वधू को विदा कर अपने घर ले गया तो वहाँ भी लोगों ने वर वधू का स्वागत के साथ आशीर्वाद दिया.