जमानत पर छूटने के बाद शिक्षक गोपालजी सिंह सद्भावना यात्रा निकालकर पहुंचे जनता के दरबार में

 

बैरिया(बलिया)।स्थानीय थाना अंतर्गत भारत छपरा गांव में बीते 16 दिसंबर 2016 की रात हुए श्रीकृष्ण यादव हत्याकांड के आरोपी शिक्षक गोपालजी सिंह और उनके भाई भूपेंद्र सिंह हाईकोर्ट से 19 मई को जमानत पर छूटने के बाद घर आकर बुधवार की देर शाम सद्भावना यात्रा निकालकर सीधे जनता के दरबार में पहुंचे . इस सद्भावना यात्रा में उनके साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण रहे. भारतछपरा, देवकीछपरा व रानीगंज बाजार की गली गली घूमकर गोपालजी सिंह ने लोगों से कहा कि समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं व विधायक ने असली अपराधी को छिपाने के लिये जानबूझकर मुझे फंसाया है. मैं इस मामले में बेगुनाह हूं. मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इस घटना में दूर-दूर तक कहीं शामिल हो तो मैं और मेरा परिवार सजा भुगतने को तैयार है. मेरे साथ अन्याय हुआ है. श्री सिंह ने लोगों से यह भी कहा कि श्री कृष्ण यादव के हत्यारे अगर बाहर खुलेआम घूम रहे हैं, तो उनके शुभचिंतकों को जिन्होंने मुझे और मेरे भाई को नाहक फंसाया उन्हें यह सोचना चाहिए कि क्या श्रीकृष्ण यादव की आत्मा को शांति मिलेगी ? अपनी यात्रा में गोपाल सिंह लोगों से यह भी कहें कि श्री कृष्ण यादव की हत्या 16 दिसंबर की रात में हुई थी. हत्या में मेरा नाम आने की जानकारी होने पर मैं खुद ही 17 दिसंबर को बैरिया थाने पर गया था. उसी शाम अपने भाई भूपेंद्र को भी थाने पर बुला लिया. पुलिस अधीक्षक जब थाने पर आए तो मैंने अपने और अपने भाई के निर्दोष होने की उनसे गुहार लगाई. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्णा ने हमसे कहा था कि अगर बेगुनाह हो तो तुम जेल नहीं जाओगे. मुझे 17 दिसंबर से 27 दिसंबर तक बैरिया थाने में लगातार रोक कर रखा गया. 27 दिसंबर की शाम को मुझे बलिया कोतवाली ले जाया गया. जहां से 4 जनवरी 2017 तक मुझे कोतवाली में रखने के बाद जेल भेज दिया गया. मुझे जेल भिजवाने के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्णन का अकस्मात स्थानांतरण सपा नेताओं द्वारा कराया गया.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

एसओजी प्रभारी को उनके पद से हटा दिया गया. क्योकि पुलिस अधीक्षक व एसओजी प्रभारी और क्षेत्रीय पुलिस मामले के तह तक पहुंच चुकी थी. अब असल हत्यारों की गिरफ्तारी होने वाली ही थी. लेकिन उन असल हत्यारों को छिपाने के लिए सपा कार्यकर्ताओं और सपा के विधायक नेपुलिस अधीक्षक का स्थानान्तरण व एसओजी प्रभारी को राजनैतिक दबाव से हटवाकर मुझे बलि का बकरा बना दिया है. गोपाल सिंह ने यह भी दावा किया कि मैं खुद चलकर थाने आया. अपने भाई को बुलाया 17 दिसंबर से 4 जनवरी तक बैरिया थाना और बलिया कोतवाली में हमसे हजारों लोग जाकर मिले हैं. यह किसी से छिपा नहीं है. श्री सिंह ने इस मामले में लोगों से इस आशय के साथ समर्थन और सहयोग मांगा कि इस मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच करके श्रीकृष्ण यादव के असल हत्यारों, हत्या हत्या की साजिश में शामिल लोगों तथा मुझे बेगुनाह फंसाने वाले लोगों को बेनकाब कर कानूनी ढंग से सजा दिलाया जाए. तभी यह मुझ पर लगा झूठा कलंक मिटेगा. मै न्यायालय मे भी अपनी फरियाद रखी है.आप सबके बीच भी रख रहा हूँ । मेरे साथ न्याय हो. सद्भावना यात्रा के दौरान पाम्पलेट पर लिखी अपनी अपील भी शिक्षक गोपाल सिंह व उनके भाई भूपेंद्र सिंह ने लोगों मे बाटी.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE