पखावज, गोड़उ, डफरा, हुरका संग हैरतअंगेज करतब

सुखपुरा (बलिया)। रिमझिम फुहारों एवं भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नगर का ऐतिहासिक महावीरी झंडा जुलूस शनिवार को गाजे-बाजे ,हाथी-घोड़े एवं ऊटों के साथ सुनरसती स्थान के हनुमान मंदिर से निकला. इसके पूर्व भगवान हनुमान की विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच पुरोहित की मौजूदगी में यजमानों ने पूजन अर्चन किया. पगड़ी रस्म के दौरान समाज के प्रबुद्ध जनों द्वारा समिति के सदस्यों को लाल रंग की पगड़ी बांधी गई. तत्पश्चात समिति के सदस्यों ने समिति से जुड़े खिलाड़ियों को शस्त्र प्रदान  किए. जुलूस में बाल वृद्ध नर-नारी हिंदू मुस्लिम सभी समान रूप से शरीक रहे.

दर्जनों झण्डे एवं बैनर के साथ जलूस में लुप्त हो रही लोकविधाओं के कलाकारों ने स्थान स्थान पर अपनी कला का प्रदर्शन किया. लुप्त हो रही लोग विधाओं में पखावज, गोड़उ, डफरा, हुरका का प्रदर्शन किया गया. आधा दर्जन कीर्तन मंडलियां ने कीर्तन गाते हुए जुलूस में चल रही थी. निर्धारित मार्ग से होकर जुलूस सुभाष रोड से गुजर रहा था तो छतों से महिलाओं ने जुलूस पर पुष्प वर्षा की. बीच-बीच में हिंदू मुस्लिम के दरवाजे पर समान रूप से शरबत की व्यवस्था की गई थी. जुलूस में शामिल खिलाड़ियों को शरबत पिलाया जा रहा था. शरबत पीने के बाद उनके खेलों में और अधिक उत्साह देखा गया.

जुलूस निर्धारित मार्गो से होकर लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय कर देर शाम हनुमान मंदिर पर आकर समाप्त हुआ. इस दौरान जुलूस में लगभग एक दर्जन स्थानों पर खिलाड़ियों ने हैरत अंग्रेज खेलों का प्रदर्शन कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया. आग के गोले क बीच से निकलना, टूटे मरकरी पर करतब दिखाना, सीने पर से मोटरसाइकिल उतारना, सीने पर पत्थर तोड़ना जैसे कलाओं के साथ तलवार गदा, भाला, लाठी बनैठा, मुगरा आदि का प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वालों मे साहिल पटेल, बिनोद राम, छोटू सिह, विजय प्रताप, गोलू दीपक, सोनू, भोलू, प्रदीप आदि रहे. लगभग सात दशक से चल रहा यह झंडा समारोह प्रतिवर्ष अपनी एक अलग पहचान बनाता जा रहा है.

समिति के परिश्रम का ही यह फल है कि यह समारोह हिंदू मुस्लिम के बीच आपसी भाईचारा का सदेंश दे  रहा  है. यह सांप्रदायिक सौहार्द का जीता जागता उदाहरण है. झंडा समारोह समिति के अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, अशोक पटेल, देव मुनि, शिव शंकर, हलचल सिंह, पप्पू सिंह, कन्हैया सिंह, विजय शंकर सिंह आदि का इसकी सफलता में विशेष योगदान है. सुरक्षा व्यवस्था में थानाध्यक्ष सुखपुरा संजय द्विवेदी के अलावे लगभग आधा दर्जन थानों की फोर्स जुलूस के आगे पीछे चल रही थी. प्रभारी निरीक्षक खेजुरी सुरेश बहादुर सिंह काफी मुस्तैद देखे गए. पीएसी की एक टुकड़ी बटालियन भी जुलूस के आगे पीछे चल रहे थे.

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