नगरा, बलिया. नगर पंचायत नगरा के मुख्य बाजार में अब रोज जाम लगने लगा है. रविवार को भी घंटो बाजार जाम की चपेट में रहा. जाम के वजह से राहगीरों के अलावा कारोबारियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. लोगो का पैदल चलना भी दूभर हो गया है. जाम से जूझ रहे बाजार को जाम से निजात दिलाने की जिम्मेदारी होमगार्डों के कंधे दे दी गई. सूत्रों के अनुसार पिकेट ड्यूटी बाजार के मुख्य चौक से हटा ली गई है.
नगरा बाजार क्षेत्र का एक ऐसा बाजार है, जहां उपभोक्ताओं को अपनी जरूरत की हर छोटी बड़ी चीजे आसानी से उपलब्ध हो जाती है. दर्जनों गावों के हजारों लोगों का यहां प्रतिदिन आना जाना लगा रहता है. शादी विवाह का मौसम चल रहा है, ऐसे में बाजार में आने वाले लोगो की संख्या में इजाफा भी हुआ है. लगभग दस दिनों से बाजार भयंकर जाम से कराह रहा है. बाजार में जाम लगने का मुख्य कारण सड़क की पटरियों तक ठेले खोमचे वालो के कब्जे के साथ पिकेट ड्यूटी पर पुलिस का न होना है. रविवार को बाजार के मुख्य सड़क जाम रहने से बाजार की अन्य सड़कें बेल्थरारोड मार्ग, रोड, भीमपुरा मार्ग, सिकंदरपुर रोड पूरी तरह जाम से प्रभावित रहा. बाजार के सड़कों पर जाम में लगे गाड़ियों का काफिले से पूरा दिन आने जाने वाले लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिधर देखो जाम ही जाम नजर आ रहा था. सड़क जाम से कई इमरजेंसी सेवा जैसै एंबुलेंस, गैस सिलेंडर की गाड़ी सहित अन्य वाहन फंसे रहते है. पुलिस सड़क पर अतिक्रमण करने वाले ठेले खोमचे वालों को चालान रसीद थामकर अपने दायित्वों की पूर्ति कर लेती है.
जाम लगने का मुख्य कारण सड़कों एवं पटरियों पर अवैध कब्जा
स्थानीय लोगों के अनुसार बाजार के सड़कों पर अतिक्रमण कर ठेला दुकान व अन्य फूटकर दुकान लगाना जाम का मुख्य कारण है. इसके अलावा दोपहिया चारपहिया वाहन स्वामी भी अपने वाहन सड़कों पर खड़ा कर खरीदारी में जुट जाते है. बाजार की सड़क की चौड़ाई इतनी हैं कि यहां जाम लगने का कल्पना भी नहीं किया जा सकता है. मगर सड़क के दोनों तरफ फूटकर विक्रेता व ठेले खोमचे वाले अपना हक जमा लेते है, जिससे सड़क सिकुड़कर 20 फीट भी नही बच पाती है।जिससे जाम की समस्या और भी बढ़ती जा रही है.
( नगरा से संवाददाता संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)