बलिया:फसल बिक्री में आसानी के लिए बने नियम दे रहे परेशानी,अधिकारियों के रवैये से किसान हलकान

बैरिया, बलिया. सरकारी गेंहू क्रय केंद्रों पर किसानों के गेंहू खरीद प्रक्रिया में बदलावों से किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि इस तरह की प्रक्रिया को पूरा करना उनके बूते से बाहर है,ऐसा तो सिर्फ कालाबाजारी वाले ही कर पाएंगे.

 

उल्लेखनीय है कि किसानों को अपना खसरा-खतौनी लेकर आधार कार्ड के साथ ऑनलाइन पंजीकरण कराना है,और पंजीकरण का प्रिंट लेकर लेखपाल के पास जाना है. लेखपाल खसरा-खतौनी में किसान का हिस्सा निर्धारित करेंगे,उसे राजस्व निरीक्षक के पास भेजेंगे, राजस्व निरीक्षक उसे प्रमाणित करेंगे, उसके बाद अगर 200 कुंतल से अधिक बिक्री करना है तो उसे तहसीलदार व उपजिलाधिकारी से प्रमाणित कराने के बाद अपर जिलाधिकारी से भी प्रमाणित कराना पड़ेगा.

 

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

आलम यह है कि तहसील पर जाने पर लेखपाल मिलते हैं तो राजस्व निरीक्षक नहीं,राजस्व निरीक्षक मिलते हैं तो लेखपाल गायब हो जाते हैं. किसानों के खेतों का हिस्सा निर्धारण में भी लेखपालों द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है जिससे दलालों की सक्रियता बढ़ गयी है.अब हिस्सा निर्धारण के नाम पर किसानों का शोषण शुरू हो गया है.

 

अब हालत यह है कि एक तरफ किसानों से तहसील परिसर भरा-पड़ा दिख रहा है,तो वहीं क्रय केंद्रों की सीमा निर्धारण नहीं होने के कारण गेंहू की खरीदारी की बात तो दूर टोकन का भी वितरण शुरू नहीं किया गया है,जबकि शासन का सख्त निर्देश था कि एक अप्रैल से ही किसानों के गेंहू का खरीद चालू किया जाय.

 

ऑनलाइन पंजीकरण में भी किसानों को भारी दिक्कत हो रही है क्योंकि पंजीकरण के लिए आने वाले ओटीपी 24 घण्टे बाद आ रहा है जबकि उसकी अवधि महज पांच मिनट की होती है.ऐसे में किसान ऑनलाइन पंजीकरण से ही वंचित हो जा रहे हैं. हाट निरीक्षक रानीगंज प्रदीप जयसवाल ने बताया कि बैरिया तहसील क्षेत्र में चार गेंहू क्रय केन्द्र खोलने की मंजूरी मिली है.

 

रानीगंज(करमानपुर) व लालगंज (चांदपुर)में एफसीआई क्रय केन्द्र संचालित करेगा जबकि सोनबरसा कृषिमंडी समिति भी एफसीआई के जिम्मे ही रहेगी, वहीं साधन सहकारी समिति मानगढ़ पर कोऑपरेटिव गेंहू की खरीद करेगा.कौन गांव किस क्रय केंद्र सम्बद्ध किये जायेंगे इस पर निर्णय नहीं हो पाया है जिससे गेंहू की खरीदारी की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पायी है.

 

हाट निरीक्षक ने स्पष्ट किया है कि टोकन भी जनसेवा केंद्र से ही जारी होगा.इस बाबत पूछने पर उपजिलाधिकारी बैरिया प्रशान्त कुमार नायक ने बताया कि किसानों को अपनी उपज आसानी से बेचने का मौका मिले इसीलिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि कालाबाजारी करने वाले लोग इसका नाजायज लाभ नहीं उठा सके,किसानों के साथ कहीं कोई भेदभाव न हो इसके लिए स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE