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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का दंश पूरा विश्व झेल रहा है. इस बीमारी का मूल स्रोत फिलहाल चमगादड़ माना जा रहा है. ऐसे में पेड़ों से लू के थपेड़ों एवं भीषण गर्मी से चमगादड़ों के गिरने, उन्हें कुत्तों एवं इंसानों के खाने के कारण क्षेत्र में दहशत व्याप्त है. गौरतलब है कि पिछले दिनों गोरखपुर के बेलघाट इलाके में भी बड़ी संख्या में चमगादड़ संदिग्ध हालात में मरे पाए गए थे. ग्रामीण इसे कोरोनावायरस से जोड़ कर देख रहे हैं.
बताते चलें कि मनियर थाना क्षेत्र के बिशुनपुरा गांव के खड़ैंचा मौजे में साधन सहकारी समिति के पास बगीचे में कई वर्षों से पेड़ों पर चमगादड़ रह रहे हैं. पिछले दिनों लू के थपेड़ों एवं भीषण गर्मी के चलते चमगादड़ दर्जनों की संख्या में बीते सोमवार से पेड़ों से गिर कर मर रहे हैं. उन्हें कुत्ते इधर-उधर बिखेर कर नोच रहे हैं. चमगादड़ का मांस कुछ इंसानों द्वारा खाए जाने की भी चर्चा है. चमगादड़ों की मौत की सूचना ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्रीराम तिवारी उर्फ बब्लू ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सहाबुद्दीन को दिया.
डॉक्टर सहाबुद्दीन की सूचना पर चिकित्सकों की टीम एवं वन विभाग मौका मुआयना किया. इसमें डॉ लाल बहादुर, डॉ. केपी नारायण, डॉ. राज भैरव, प्रेमशंकर सिंह सहित आदि मौजूद थे. इस संदर्भ में सीवीओ बलिया डॉ. अशोक कुमार मिश्र से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि टेंपरेचर ज्यादा बढ़ रहा है. इसकी वजह से चमगादड़ मर रहे हैं. उनका सैंपल आईवीआरआई बरेली जांच के लिए भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम घटनास्थल पर भेजी गई है. इसमें पशु चिकित्सा व वन विभाग के लोग हैं.