बलिया: उत्तर प्रदेश सरकार की शिवपुर घाट पर पुल बनाने की घोषणा ने भुआलछपरा और नौरंगा इलाकों के हजारों लोगों की भौंहें तन गयी हैं.
कारण यह था कि दयाछपरा नौरंगा घाट पर पिछले कुछ वर्षों से पुल बनाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी. उस क्षेत्र में बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा को लेकर सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
शिवपुर गंगा घाट पर पुल बनाने की बात भी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समय भी चली थी. कुछ तात्कालिक दिक्कतों के कारण उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
हालांकि पूर्व सांसद भरत सिंह ने बतौर विधायक तात्कालिक जरूरतें पूरी करने के लिए यहां पीपा का पुल बनवाया. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शिवपुर गंगा घाट पर पुलं की घोषणा ने दयाछपरा नौरंगा इलाके में हलचल मचा दी है.
पिछले साल सितंबर माह में बलिया जिले में बाढ़ और कटान से दयाछपरा और नौरंगा इलाके के बाशिंदों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी. सबसे अधिक क्षति भी उन लोगों को हुई थी.
दयाछपरा-नौरंगा पुल न बनाने के पीछे बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा का तर्क दिया जाता है. शिवपुर गंगा घाट पर पुल निर्माण की घोषणा के बाद से भुआलछपरा नौरंगा के लोगों में असंतोष की भावना पनप रही है. स्थिति यह है कि इलाके के लोग कभी भी आंदोलन का रुख कर सकते हैं.