‘शोपीस’ बनकर रह गयी हैं क्षेत्र की साधन सहकारी समितियां

  • कृष्ण कांत पाठक
  • कई वर्षों से नहीं आया खाद-बीज, किसान परेशान

दुबहर : क्षेत्र में रबी की बुवाई की मौसम में क्षेत्र की सहकारी समितियां शोपीस बनी हुई है. इससे किसानों को काफी कठिनाई हो रही है. इससे जहां किसानों में आक्रोश है, वहीं उनकी उम्मीद भी टूट गयी कि सरकार बदलने से उन्हें समितियों से खाद-बीज मिलने लगेगा. आलम यह है कि सरकार के भी दो साल बीतने के बाद भी सहकारी समितियों के ताले नहीं खुले.

ग्राम पंचायत अखार में स्थित साधन सहकारी समिति का भवन ऐसे ही जर्जर हो गया था जिसका पुनर्निर्माण पिछले वर्ष कराया गया. वह भी जर्जर हो चला है. जब से वह बना है उसका भी ताला कभी नहीं खुला. ऐसे में इन साधन सहकारी समितियों को करोड़ों रुपये की लागत से बना कर किसानों को कैसी सुविधाएं दी जा रही हैं.

फिलहाल किसान दिन-रात प्राइवेट दुकानों के चक्कर लगाकर महंगे दामों पर खाद बीज खरीद रहे हैं. वहीं, क्षेत्र के कई साधन सहकारी समितियां बिल्कुल बंद पड़ी हुई हैं.

क्षेत्र के नगवा, अखार, जनाडी, दुबहर, जमुऑ, सहोदरा, उदयपुरा, सहरसपाली, स्वरूबांध, बंधुचक के किसानों ने साधन सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करते हुए इसमें खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है.

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