
बलिया /लखनऊ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रसंघ को खत्म कर छात्र परिषद लागू करना छात्र अधिकारों पर हमला है. बीजेपी सरकार सत्ता के मद में चूर होकर तानाशाही पर उतर आई है. ये बातें नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने बलिया लाइव से टेलीफोन पर कही.
हाल ही में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की जगह छात्र परिषद कर दिया गया है.
चौधरी ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय ख्याति है. आजाद भारत में इस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष नारायणदत्त तिवारी भी रह चुके हैं.

उन्होंने कहा कि देश के कई वरिष्ठ राजनेता भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ से निकल कर सत्ता के शीर्ष पर रह चुके हैं. छात्रसंघ से अराजकता नहीं फैलती है क्योंकि छात्रसंघ राजनीति की नर्सरी होती है. विश्वविद्यालय परिसर को सुव्यवस्थित चलाने के लिए और भी विकल्प हैं.
चौधरी ने कहा कि वर्तमान सरकार के इशारे पर कुलपति छात्रों की आवाज दबाने पर तुले हैं.
उन्होंने कहा कि एशिया के सबसे पुराने छात्रसंघ को खत्म कर सरकार क्या संदेश देना चाहती है.
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छात्रसंघ बहाली को लेकर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष इलाहाबाद अवनीश यादव के नेतृत्व में 8 दिनों से आमरण अनशन जारी है. अभी तक कोई अधिकारी उनका हाल पूछने नहीं आये. अनेक छात्रों की तबियत बिगड़ रही है.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली के लिए छात्रों के साथ है. अगर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन मांग नहीं मानती है तो समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठन, युवजनसभा, छात्र सभा लोहिया वाहिनी यूथ ब्रिगेड सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी.