जब आधी रात गए दरोग़ा देवदूत बनकर पहुंचे, बलिया के बच्चे की बचाई जान

वाराणसी। बलिया का रहने वाला एक परिवार बीते तीन साल से अपनी बेटी का इलाज बीएचयू में करवा रहा है. बेटी कैंसर से पीड़ित है. बीते बृहस्पतिवार को उसे 3 पैकेट ओ निगेटिव ब्लड की जरूरत थी, लेकिन ब्लड बैंक में इस ग्रुप का ब्लड नहीं था. बीएचयू के डॉक्टरों ने यह जानकारी अपने फेसबुक पेज पर शेयर की. इसकी जानकारी लक्सा थाना के उप निरीक्षक मिथिलेश यादव को भी मिली. मगर दिक्कत यह थी कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में तैनात थे. फिर आधी रात गए ड्यूटी से खाली होते ही पहुंच गए बच्ची की जान बचाने.

वाराणसी के लक्सा थाने में तैनात उप निरीक्षक (दरोगा) मिथिलेश यादव ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब एक बजे उन्होंने एक दोस्त को बीएचयू भेजकर स्लिप मंगाई और आईआईएम लहुराबीर जाकर ब्लड डोनेट कर बच्ची की जान बचाई. मिथिलेश यादव ने कहा कि, मेरे खून से किसी की जिंदगी बच जाए तो जिंदगी मेरी सफल हो जाए. पिता राम चंद्र चौधरी सेना से रिटायर हैं. वे हमेशा दूसरों की मदद की सीख बचपन से हमें देते रहे. दरोगा मिथिलेश सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं. आईएएस 2013-14 एक्जाम में मेंस भी निकाला था. पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं.

बीएचयू के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर विजय नाथ मिश्र ने दरोगा मिथिलेश यादव के कार्यों की सराहना करते हुए लिखा है कि लक्सा थाना के उप निरीक्षक मिथिलेश यादव रात्रि ड्यूटी पर क्षेत्र में निकले थे की उनको फ़ोन आया कि एक 2 वर्ष के बच्चें की हालत बहुत गंभीर है और उसे 3 पैकेट O- (ओ निगेटिव) ब्लड की सख्त ज़रूरत है, जो की रात्रि 1 बजे कहीं मिल नहीं रहा, ने कोई ब्लड डोनर मिल रहा, अकेली ग़रीब महिला अपने बच्चें को बचाने के लिए भटक रही है, इतना सुनते ही उपनिरीक्षक ने तुरंत कहा कि मैं ब्लड दूँगा पर बच्चें कुछ होने नहीं दूँगा और तत्काल चेतगंज IMA में जाकर ब्लड देकर नन्ही सी जान की जॉन बचाई और एक अच्छे नागरिक बनकर जनता का सेवा करने का प्रेरणा दिया.

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