सांसद आदर्श ग्राम योजना में बलिया, मऊ समेत 42 जिले फिसड्डी

लखनऊ। सांसद आदर्श ग्राम योजना में बलिया और आजमगढ़ समेत उत्तर प्रदेश के 42 जिले फिसड्डी साबित हुए. केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना में पूर्व सांसदों द्वारा चयनित गांवों में विकास कार्य पूरे नहीं हो सके हैं. शासन स्तर से अनेक बार हिदायत देने के बावजूद गांवों को आदर्श नहीं बनाया जा सका. प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने उक्त जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र लिखकर चयनित गांवों के अधूरे विकास कार्यो को जल्द पूरा कराने व रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा है.

प्रशासन के ढुलमुल रवैये से लोकसभा के वर्ष 2014-19 कार्यकाल में निर्वाचित हुए अधिकतर सांसद अपने क्षेत्र में चुने गांवों में संपूर्ण विकास न करा सकें. तीनों चरणों में लागू योजना को गत मार्च 2019 तक पूरा कराने के कड़े निर्देश दिये गये थे. इस बारे में समय-समय पर वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिए संबंधित अधिकारियों को विकास कार्यो की गति तेज करने के निर्देश दिए जाते रहे. अगस्त 2018 को पत्र भेजकर सासद आदर्श ग्राम योजना के तीनों चरणों में चुनी गई ग्राम पंचायतों में अब तक शुरू न किए विकास कार्यो को तुरंत पूरा कराने को कहा गया था. इसके बावजूद 42 जिले ऐसे रहें जहां विकास कार्य नहीं हो सके. अब इन जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को कार्यो में देरी के लिए दोषी कर्मचारियों को चिह्नित करने व विकास कार्यो को जल्द पूरा कराकर नवीनतम प्रगति रिपोर्ट के विवरण को पोर्टल पर फीड करवाने के निर्देश दिए गए हैं. ये जिले हैं फिसड्डी : बलिया, बलरामपुर, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, चंदौली, चित्रकूट, इटावा, फैजाबाद, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, फीरोजाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गोंडा, आगरा, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, बहराइच, बुलंदशहर, गोरखपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, कौशांबी, खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महराजगंज, मऊ, मीरजापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, प्रतापगढ, रामपुर, संभल, भदोही, शाहजहापुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, उन्नाव.

Modi govt to continue pushing its model village scheme, despite MPs’ thumbs-down. Only 225 of the 543 Lok Sabha MPs adopted a village in the third phase of the Saansad Adarsh Gram Yojana, but Modi govt now wants them to adopt one each year.

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