बलिया। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के महुलानपार (लखनापार ) गांव के निवासी और असम राइफल्स में तैनात जवान प्रदीप कुमार की मौत की खबर मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया है. विशेष तौर पर शहीद की पत्नी और मां का रोते रोते बुरा हाल है. इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक या टैप करें – नगालैंड में उग्रवादियों से लोहा लेते सिकंदरपुर का जवान शहीद
महुलानपार (लखनापार ) गांव के निवासी और असम राइफल्स में तैनात जवान प्रदीप कुमार (उम्र 35 वर्ष) की शहादत की सूचना जैसे ही गांव के लोगों को मिली, भीड़ उनके घर पहुँच गई. वही प्रदीप की पत्नी और माँ का एक दूसरे से लिपट कर रो रो कर बुरा हाल है. प्रदीप की पत्नी ने रोते हुए बताया कि छुट्टी के बाद यहाँ से ड्यूटी ज्वाइन करने जाते वक्त कहे थे कि होली में घर आएंगे. शहीद की माँ ने कहा कि मुझे गर्व है कि बेटा देश के लिए शहीद हो गया, लेकिन दुःख भी है.
घर के बरामदे में दहाड़ मार शहीद की पत्नी नीतू रो रही थी. उसके गले से लिपट कर रो रही और उसे सांत्वना दे रही थी शहीद प्रदीप की माँ. मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों को अपने बेटे की तस्वीर दिखा रहे थे शहीद के पिता. उनके बगल में शहीद प्रदीप का बड़ा भाई गुड्डू बैठा था. प्रदीप के पिता ने बताया कि सोमवार को दोपहर 12 बजे उनकी पत्नी के मोबाइल पर फ़ोन आया कि बेटा ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया है. वहीं भाई गुड्डू ने बताया कि शहीद प्रदीप कुमार की शादी 2016 में हुई थी. इसी साल सितंबर के महीने में प्रदीप अपने घर आए थे. गौरतलब है कि प्रदीप असम राइफल्स में हवलदार रेडियो ऑपरेटर पद पर तैनात थे. और इंदिरा गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी से नौकरी के साथ ही ग्रेजुएशन कर सेना में अधिकारी बनना चाहते थे, जो अधूरा रह गया.