
बलिया। ग्रामीणों के मेहनत रंग लाई. दुबेछपरा रिंग बांध अभी तक सुरक्षित. मौसम बिगड़ा जरूर, लेकिन बारिश नहीं हुई. प्रशासन और ग्रामीणों के सांझा प्रयास से बचाव कार्य जारी. गोपालपुर, दूबेछपरा व उदईछपरा के ग्रामीणों ने जागकर गुजारी रात.
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बताया जाता है कि दूबेछपरा रिंग बंधे पर फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. 300 ग्रामीण बचाव कार्य में जुटे हैं. जेनरेटर लगाकर रात भर काम हुआ. कमिश्नर, डीआईजी, डीएम, एसपी समेत बाढ़ विभाग के अधिकारी दुबेछपरा में कैम्प किये हुए हैं. गांव के लोग रतजगा कर रहे है. रिंग बांध बचने का श्रेय ग्रामीण गंगा मइया के आशीर्वाद को दे रहे हैं.
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बैरिया विधानसभा क्षेत्र के दुबेछपरा से उदई छपरा तक बने रिंग बंधे पर तब अफरा-तफरी मच गई थी, जब प्राइवेट ठेकेदारों द्वारा लगाए गए मजदूर गंगा के रौद्र रूप देख कर कटानरोधी काम छोडकर बृहस्पतिवार को भाग खड़े हुए. नतीजतन शासन एवं प्रशासन के साथ आला अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूलने लगे. रिंग बंधे को ईश्वर के भरोसे छोड़कर लोग खिसक लिए.
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यहां तक कि खुद डीएम को माईक से गांव छोड़ने की सभी ग्रामवासियों से अपील करनी पड़ी. प्रशासन भले हाथ खड़े कर दिया हो, लेकिन ग्रामीण अपने स्तर से बांध को बचाने की पूरी कोशिश में लगे हैं. देर रात कमिश्नर नीलम अहलावत भी मौके पर पहुंच गईं.
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इसी बीच अचानक संकटमोचक बन कर पहुंचे अध्यापक सुरेन्द्र सिंह. अपने करीब डेढ़ सौ कार सेवकों के साथ खतरों से जुझते हुए वे जुट गए. सभी ने बोरी में बालू भर-भर कर सिर पर ढो कर कटानरोधी अभियान जारी रखा. उन्हें देखकर द्वाबा भर कटान देखने वाला हुजुम भी अपने-अपने सिर पर बोरी रख कर को बंधे को बचाने के काम में जुट गया.
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ग्रामीणों का जज्बा देख एसडीएम साहब ने भी अपने सर पर बालू भरा बोरा लाद कर बांध को बचाने में मदद की. एकजुट होकर कटान से बंधे को फिलहाल जरूर बचा लिया गया है. किन्तु गंगा का मुख्य धारा से रिंग बंधे को टकराने से खतरे से स्थिति टली नहीं हैं. वैसे बधाई के पात्र है जीवट व कर्मठ द्वाबा के ग्रामीण जिन्होंने जुझारू तेवर दिखाते हुए, फिलहाल संकट को टाल दिया. (सभी तसवीरें व्हाट्स ऐप साझेदारी, इनपुट संतोष शर्मा व अन्य स्रोत)
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