रसड़ा में एफसीआई के क्रय केंद्र पर स्टाॅक में नहीं मिले चार हजार बोरे
बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने शनिवार को रसड़ा क्षेत्र में क्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान बड़ी कमी पकड़ी है. रसड़ा में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्रय केंद्र पर स्टाॅक से बोरे की आठ गांठ (चार हजार) गायब मिले. जिलाधिकारी ने वहीं मौके पर सहायक निबंधक सहकारिता को बकायदा जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने संकेत दिया है कि रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई होगी.
जिलाधिकारी क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने रसड़ा क्षेत्र की तरफ निकले. साधन सहकारी समिति डेहरी पर उन्होंने गहन जांच की तो वहां सब कुछ ठीक मिला. समिति के सचिव ने सिंहांचवर गोदाम पर खाद्यान्न जमा करने में देरी की शिकायत की. वहां से जिलाधिकारी एफसीआई रसड़ा क्रय केंद्र पर पहुंचे. जिलाधिकारी ने किसानों की खतौनी मांगी तो प्रभारी उतनी खतौनी नहीं दिखा पाए, जितनी खरीद की गयी थी. गड़बड़ी की आशंका पर जिलाधिकारी ने गहन जांच शुरू कर दी. बोरे का स्टाॅक चेक किया तो वहां शनिवार बोरे की 33 गांठ स्टाॅक में होने चाहिए थी. लेकिन मौके पर मात्र 25 गांठ बोरे मिले. बाकी के 8 गांठ के बारे में जिलाधिकारी ने सवाल किया तो प्रभारी बगल झांकने लगे. इस अनियमितता पर नाराज जिलाधिकारी ने तत्काल एसडीएम रसड़ा व प्रभारी विपणन अधिकारी/क्षेत्रीय विपणन निरीक्षक को मौके पर बुलाया. साथ ही सहायक निबंधन सहकारी समितिया को बारिकी से जांच कर निरीक्षण आख्या देने को कहा. माना जा रहा है कि उसी रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई होगी.
जांच में मिली लापरवाही की पराकाष्ठा
एफसीआई क्रय केंद्र रसड़ा पर निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को लापरवाही की पराकाष्ठा देखने को मिली. केंद्र पर किस किसान के गेहूं की तौल हो रही थी, इसके बारे में भी क्रय केंद्र प्रभारी कौशल कुमार को पता नहीं था. जिन किसानों के गेहूं खरीदे जा चुके थे, उनकी खतौनी कहां है यह भी नहीं मालूम था. जैसे तैसे कुछ खतौनी ही वे दिखा सके. बोरे में प्रथम दृष्टया घालमेल मिला.
…डीएम का फोन नहीं उठाए डिप्टी आरएमओ
रसड़ा में एफसीआई क्रय केंद्र पर अनियमितता मिलने के बाद जिलाधिकारी डिप्टी आरएमओ के सीयूजी नम्बर पर लगातार फोन करते रहेे, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ. काफी प्रयास के बाद क्षेत्र के विपणन निरीक्षक का नम्बर मिला और मौके पर बुलाकर जरूरी कार्यवाही का निर्देश दिया गया. लेकिन ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब डीएम का फोन उठाने से डिप्टी आरएमओ परहेज करते हैं तो आम किसानों का क्या हाल होगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में गेहूं खरीद जोरों पर है. ऐसे में हो सकता है कि किसानों को किसी केंद्र पर कोई समस्या हो जाए. उसकी शिकायत जिला विपणन अधिकारी से ही किसान करेगा. लेकिन शनिवार को जिस तरह से हालात दिखे, उससे तो यही लगा कि जब जिलाधिकारी का फोन रिसीव नहीं होता तो किसानों का क्या होगा.
चीनी मिल व कताई मिल का देखा हाल
रसड़ा क्षेत्र में क्रय केंद्रों के निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने चीनी मिल व कताई मिल का हाल देखा. चीनी मिल के कर्मचारी से वहां के बारे में पूछताछ की. कताई मिल में भी सुरक्षा गार्डों से जरूरी जानकारी ली. इस दौरान बाहर मौजूद स्थानीय लोगों से उन्होंने बातचीत की.