कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकार वार्ता कर दी सरकार की योजनाओं की जानकारी
बलिया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 2 मई को प्रदेश के सभी 827 विकास खंडों पर किसान कल्याण कार्यशाला आयोजित होगी. इसमें बेहतर उत्पादकता के आधार पर ब्लाक क्षेत्र के सात किसानों को सम्मानित किया जाएगा. इन सात किसानों में एक महिला व एक अनुसूचित जाति के किसान अनिवार्य रूप से होंगे. कृषि मंत्री सोमवार को लोक निर्माण विभाग के डाकबंगले में प्रेस प्रतिनिधियों से मुखातिब थे. उन्होंने बताया कि किसानों की आमदनी को दुगना करने का संकल्प प्रधानमंत्री मोदी जी ने लिया है. इसी उद्देश्य से उन्होंने 2 मई को पूरे देश मे किसान कल्याण कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसमें पशुपालन विभाग, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य व मधुमक्खी पालन के अलावा कृषि से जुड़े समस्त विभाग अपनी लाभकारी योजनाओं की जानकारी किसानों को देंगे. कृषि विज्ञान केंद्रों पर तैनात कृषि वैज्ञानिक भी कार्यशाला में मौजूद रहकर तकनीकी व एकीकृत खेती के बारे में बताएंगे.
उन्होंने कहा कि ‘कृषि की बात किसानों से’ कार्यक्रम के तहत किसान और कृषि वैज्ञानिक या कृषि अधिकारियों में सीधे संवाद होगा. उन्होंने जनपद के किसानों से इस कार्यशाला में अनिवार्य रुप से भाग लेकर लाभकारी जानकारी लेने की अपील की. साथ ही सम्मानित होने वाले प्रगतिशील किसानों के अनुभव से सीख लेने को कहा.
इस वर्ष डेढ़ गुना अनुदानित बीज देने का लक्ष्य
कृषि मंत्री श्री शाही ने बताया कि इस साल हमारी सरकार किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा बीज अनुदान पर उपलब्ध कराएगी. खरीफ की फसल का आच्छादन 15 से 20 प्रतिशत बढ़ाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि आज गेहूं का बेहतर समर्थन मूल्य हम दे रहे हैं. किसानों के खाते में सीधे पैसा मिल रहा है. बिचौलिए एवं दलाली खत्म हो गई है. इस पारदर्शी व्यवस्था से हर किसान खुशहाल है.
मोटे अनाज की पैदावार से बढ़ाएंगे किसान की आमदनी
कृषि मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार पौष्टिक आहार व किसान की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य के लिए मोटे अनाज की पैदावार के प्रति भी गंभीर है. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (इक्रीसेट) संस्था के साथ काम करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि 52 करोड़ रुपए खर्च कर मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मडुआ, सांवा, कोदो आदि को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे पोषाहार की कमी दूर होगी और बच्चों को बेहतर विटामिन व प्रोटीन मिल सकेगा. इसके लिए प्रदेश को 9 भागों में बांटा गया है. प्रत्येक भाग से एक-एक जिलों को लिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि अगले 4 साल में दस हजार हेक्टेयर में मोटे अनाज की पैदावार होगी. बताया कि गेहूं, धान से अच्छी कीमत मोटे अनाज की मिलती है और यह कम लागत में पैदा भी होता है. सरकार मोटे अनाजों के अच्छे बीज उपलब्ध कराएगी. इस प्रकार निश्चित रूप से किसान की आमदनी में इजाफा होगा. प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष विनोदशंकर दूबे, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अरुण सिंह बंटू आदि साथ थे.
अधिकारियों को दिए निर्देश
कृषि मंत्री ने क्रय केंद्रों का पारदर्शी संचालन के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, डिप्टी आरएमओ लगातार भ्रमण कर क्रय केंद्रों पर नजर रखेंगे. फेफना व नरहीं क्षेत्र में चना, मसूर की पैदावार को देखते हुए उधर भी चना, मसूर के लिए क्रय केंद्र संचालन के निर्देश दिए.