बलिया। बलिया में बाढ़ के हालात अत्यंत खराब हो चला है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग एक दर्जन स्थानों पर बाढ़ का पानी ओवरफ्लो होने से लोग भयभीत हैं. रविवार की रात से हो रही बरसात ने स्थिति को और नाजुक बना दिया है. सोमवार को जिले में बाढ़ की हालात का मौका मुआयना करने स्वयं कमिश्नर नीलम अहलावत व डीआईजी धर्मवीर पहुंचे.
बेलहरी ब्लाक व हल्दी थाना क्षेत्र के एनएच 31 से सटे गांव पोखरा की यह तस्वीर (ऊपर) बलिया लाइव के पाठक अमित सिंह (बाएं) ने व्हाट्स ऐप से भेजी है. श्री सिंह का दावा है कि इतनी दयनीय दशा के बावजूद ग्रामीणों को प्रशासन की तरफ कोई मदद नहीं मुहैया करवा जा रही है
अगले 48 घंटे तक जल स्तर में वृद्धि की संभावना
जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस तथा पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी नाजुक स्थानों पर स्वयं एलर्ट हैं. बाढ विभाग के इंजीनियर उनके निर्देशन में दिन रात काम कर रहे हैं. सारे अधिकारियों को जिला मुख्यालय पर बने रहने का निर्देश जिलाधिकारी ने जारी किया है. कहा है कि बिना अनुमति के कोई भी अधिकारी जिला मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं. उधर, गंगा का रौद्र रूप अत्यंत भयानक हो गया है. दोपहर 1:00 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के उच्चतम स्तर को पार करते हुए 13 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. विभाग की माने तो अगले 48 घंटे तक जल स्तर में वृद्धि की संभावना है.
बुजुर्गों की माने तो 1916 का बाढ़ का रिकॉर्ड अत्यंत भयानक रहा है
बाढ़ से प्रभावित बुजुर्गों का कहना है कि लग रहा है कि इस वर्ष गंगा का जलस्तर सौ बरस पहले यानी 1916 के रिकॉर्ड को पार कर जाएगी. 1916 का बाढ़ का रिकॉर्ड अत्यंत भयानक रहा है. जगह जगह गंगा नदी का जलस्तर बांधों को पार करने से स्थिति अत्यंत ही गंभीर हो गई है. बलिया शहर की आधी आबादी को बाढ़ का पानी अपनी चपेट में ले लिया है. सोमवार को गंगा का जलस्तर 63.10 मीटर पर पहुंच गया जो वर्ष 2003 के रिकॉर्ड से अधिक है. गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है.