सारंगपुर में बीएसटी बंधे को बचाने में कटी रात

बलिया। लालगंज क्षेत्र के सारंगपुर गांव के सामने शनिवार के रात बीएसटी बंधे से रिसाव के कारण रात भर हड़कम्प मचा रहा. ग्रामीणों ने रात भर जग कर किसी तरह हो रहे रिसाव को कम कर बीएसटी बंधे को बचाया. सूचना पर रात में ही पहुचे बाढ़ विभाग के जेई मुन्ना यादव ने ग्रामीणों को बोरी मुहैया करवाया. प्वाइंट को चिन्हित किया गया. पानी का रिसाव कम जरूर हो गया, पर रविवार सुबह 11 बजे तक रिसाव पूर्ण रूप से बन्द नहीं हो पाया था.

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सारंगपुर के ग्रामीणों ने खुद ही मशक्कत कर मोर्चा संभाला

क्षेत्र के दलकी नम्बर एक के सारंगपुर गांव के अम्बिका साह के घर के सामने शनिवार के लगभग 11 बजे रात को बाढ़ के पानी का रिसाव शुरू हो गया. बंधे के दूसरे तरफ साधू यादव का घर है. वहां जब पानी की आहट साधू यादव की बेटी फुलवंती देवी ने सुनी और मौके पर जाकर देखा तो उसने हल्ला शुरू मचाया. हल्ला सुनते ही लोग वहां इकट्ठा हो गए और अपने स्तर से पानी बंद करने का प्रयास करने लगे. इसकी सूचना बाढ़ विभाग को दी गई. बाद में बाढ़ विभाग के जेई मुन्ना यादव मौके पर बोरी लेकर पहुंचे, पर मजदूर न होने के कारण ग्रामीणों द्वारा ही प्वाइंट को चिन्हित कर उसमे मिट्टी व बालू भरी बोरी भरकर किसी तरह रिसाव को कम किया गया.

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बंधा बनाते वक्त नाली बंद करने में कोताही की गई थी

गांव के लोगों के अनुसार बंधा निर्माण से पहले ही स्वर्गीय शिवनाथ शाह द्वारा एक पक्की नाली बनाई गई थी. बंधा बनाते समय उस नाली को वैसे ही मिट्टी डालकर बंधे का निर्माण करा दिया गया था. उस नाली के माध्यम से ही रिसाव शुरू हो गया था. इस सन्दर्भ में जेई मुन्ना कुमार यादव ने बताया कि रिसाव जहां से शुरू था, उस जगह को चिन्हित कर उसमे मिट्टी व मिट्टी भरे बोरियो से भर दिया गया है. अब बंधे पर किसी तरह का खतरा नहीं है. रात में बंधे के रिसाव के जगह मिट्टी व बोरियों को रखने में चुना पाण्डेय, पिंटू गुप्ता, जितेंद्र, बुचुन, पप्पू व दिलीप गुप्ता आदि ने काफी मशक्कत की.

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अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं खुराफाती

फेफना क्षेत्र में गंगा एवं टोंस की बाढ़ के कारण जहां जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कुछ शरारती तत्व के कारनामों से ये परेशानी और बढ़ जा रही है. इसी प्रकार का एक वाकया इंदरपुर गांव में देखने को मिला. रविवार की सुबह किसी शरारती व्यक्ति ने टोंस के पानी से बचाव के लिए बनाया गए बंधे को फावड़े से काट दिया था. जिससे बाढ़ का पानी बंधे के दूसरी ओर जाने लगा, लेकिन संयोग अच्छा रहा की सुबह दौड़ने गए युवकों ने बंधे से पानी रिसता देख शोर मचाने लगे, मामले की जानकारी होते ही सैकड़ों ग्रामीणों में मौके पर पहुच कर बंधे की अविलम्ब मरम्मत कर दिया जिसके चलते इंदरपुर, थम्हनपुरा गांव का सैकड़ों एकड़ फसल डूबने से बच गयी.

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