बंदर की अश्लील हरकत से आजीज आ चुकी थी महिलाएं, उत्पाती भैंसा भी हत्थे चढ़ा

रसड़ा/बलिया। कोप गांव के लोग जहां बंदरों के आतंक से परेशान है, वहीं सिलहटा का उत्पाती बंदर व कोटवा नारायणपुर से लेकर भरौली तक आतंक का पर्याय बना भैंसा वन विभाग के हत्थे चढ़ गया.

रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के कोप गांव में बंदरों के आतंक से पूरा गांव ही दहशत में जी रहा. बंदरों ने एक दर्जन लोगों को घायल कर दिया है. बंदरों के आतंक से बच्चे स्कूल जाना भी बंद कर दिये हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग सहित जिलाधिकारी को ध्यान आकृष्ट करते हुए बंदरों को पकड़ने की मांग की है. गांव के मौजा शांतिनगर यादव का पुरवा में बंदरों का आतंक इन दिनों चरम पर है. एक सप्ताह के अंदर बंदरों ने एक दर्जन लोगों को काट कर घायल कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है एक सप्ताह पूर्व ही अचानक गांव में दर्जनों की संख्या में बंदर आ धमके. बंदरों के आतंक से ग्रामीणों समेत बच्चे महिलाएं भयभीत है.

उधर, रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के सिलहटा गांव में आतंक के पर्याय बन चुके उत्पाती बंदर गुरुवार की अपरान्ह ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया. आक्रोशित ग्रामीणों की धुनाई से बंदर गम्भीर रूप से घायल हो गया. सूचना पर पहुंचे वन विभाग रसड़ा रेंज के कर्मियों ने बंदर को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग घायल बंदर का इलाज करवा रहा है. उक्त बंदर कई दिनों से बच्चों व खासकर महिलाओं के लिये काल बन गया था. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उक्त बंदर अक्सर महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने के साथ ही स्कूली बच्चों पर हमला कर घायल कर देता था. वन विभाग के रेंजर पीएन राय ने बताया कि बन्दर पेड़ से गिरकर घायल हो गया है. उसका वन विभाग कैंपस में इलाज करवाया जा रहा है.

इसी क्रम में जिले के अंतिम छोर पर बसे कोटवा नारायणपुर से लेकर भरौली तक आतंक का पर्याय बने भैंसे को ग्रामीणों के सहयोग से प्रशासन ने शुक्रवार को पकड़ लिया. यह भैंसा विगत कई दिनों से ग्रामीणों व राहगीरों के लिए खतरा बना हुआ था. आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को ग्रामीणों ने घंटों तक एनएच 31 को जाम कर प्रशासन को भैंसे को पकड़ने के लिए मजबूर कर दिया. इसके बाद वहां सूचना पर पहुंचे उप जिलाधिकारी ने भैंसे को पकड़ने का आश्वासन दिया था. देर शाम तक भैंसे को पकड़ने का प्रयास भी हुआ, लेकिन अंधेरा होने के चलते कामयाबी नहीं मिली. उपजिलाधिकारी के निर्देश पर पशुधन विभाग, वन विभाग एवं थानाध्यक्ष सुनील सिंह, चौकी इंचार्ज उमाशंकर त्रिपाठी ने शुक्रवार की सुबह से घेराबंदी करना शुरू कर दिया, लेकिन भैंसा इतना चालाक था की घेराबंदी देख कई बार निकल जाता था. आखिर में ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के सहारे चारों तरफ से उसे घेर लिया. उसके बाद पशुधन विभाग द्वारा बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसे काबू में किया गया और पिकअप में लादकर अन्यत्र जगह भेजा दिया गया.

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