एक मां लाचार थी, छोड़ गई, दूसरी मां बेकरार थी, कलेजे से लगा लिया

रेवती (बलिया)। चौबे छपरा गांव में रविवार को देर शाम करीब पांच माह की बच्ची को कोई एक व्यक्ति के दरवाजे के बाहर लावारिस हालत में छोड़कर चला गया. ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित कर बालिका को गांव की ही एक औरत को लिखा पढ़ी के बाद पालन पोषण के लिए सौंप दिया.

चौबेछपरा गांव के उत्तर विनय कुमार सिंह के गेट के पास पांच माह की एक अबोध बालिका पड़ी मिली. अबोध को उक्त घर में काम पर लगे एक व्यक्ति ने देख मकान मालिक को बताया. इस बीच 100 नं पर ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस भी पहुंच गयी. सुबह थाने में चौबेछपरा निवासिनी प्रभावती देवी पत्नी मनोज कुमार पासवान को लिखा पढ़ी के बाद बालिका को सौंपा गया. निःसंतान प्रभावती संतान पाकर बेहद प्रसन्न है. थाना में अबोध बालिका को देखने महिलाओं की भीड़ इकट्ठा हो गयी. औरतों ने आश्चर्य जताया कि पांच माह तक पालन करने के बाद आखिर किस मजबूरी के कारण किसी माँ ने इतनी सुंदर बालिका को त्याग दिया.

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