सिकंदरपुर (बलिया)। प्रगतिशील भोजपुरी समाज के सदस्यों की एक बैठक स्थानीय कृपाजल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में हुई. इसमें वक्ताओं ने कहा कि भोजपुरी केवल मातृभाषा ही नहीं, इसमें उन्नत संस्कार भी पड़े हैं. इसी कारण हमारी गौरवमय परंपरा में कशिश व करुणा है. साथ ही गलत चीजों के प्रतिकार के लिए क्रोध का आवेग भी है.
मुख्य अतिथि उदय बहादुर सिंह ने भोजपुरी को मधुर भाषा बताया. कहा कि यह हमारे आन, मान व सम्मान से जुड़ी है. भोजपुरी की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 20 करोड़ लोगों की यह भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में 23 वें स्थान के लिए आज संघर्ष कर रही है, जबकि हजारों व लाखों लोगों की भाषा सिंधी को कड़ी, डोगरी आदि को मान्यता प्राप्त है. यह भोजपुरी के साथ अन्याय और चिंतनीय है.
गायकों, फिल्मकारों द्वारा भोजपुरी के नाम पर भोड़ापन व अश्लीलता परोसे जाने पर कड़ी आपत्ति जताया. साथ ही भोजपुरी को आत्मिक अध्यात्मिकता से सरोबार बताया. अन्य वक्ताओं में झारखंडेय राय, रविंद्र यादव, विजय बहादुर यादव, ओम प्रकाश, श्यामलाल, सुरेश सिंह आदि रहे. अध्यक्षता लालबचन चौधरी व संचालन अमरेश यादव ने किया.