पीठ ने कहा, शैक्षणिक परिसर में अराजकता फैलाना बेहद गम्भीर मामला
इलाहाबाद। शियाट्स परिसर में तोड़फोड़ के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद पर हाईकोर्ट काफी सख्त है. कोर्ट ने एसपी यमुनापार अशोक कुमार से कहा है कि यदि वह आरोपियों को गिरफ्तार कर पाने में समर्थ नहीं हैं तो क्यों न जांच का काम किसी दूसरी एजेंसी को सौंप दी जाए.
चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने 13 फरवरी तक अतीक की क्रिमिनल हिस्ट्री कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है. अतीक द्वारा सरेंडर करने के लिए स्पेशल सीजेएम कोर्ट में दी गई अर्जी पर पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई अभी चल रही है, यदि अतीक को समर्पण करना है तो उसके समक्ष करे.
अधीनस्थ न्यायालय को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक वह सरेंडर अर्जी पर सुनवाई न करे. कोर्ट ने डीम्ड विश्वविद्यालय शियाट्स के परिसर में अतीक और उनके समर्थकों द्वारा अराजकता का माहौल पैदा करने की घटना को काफी गम्भीर माना है. कोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक संस्था में अराजकता फैलाना गम्भीर मामला है, इस मामले में गिरफ्तारी होनी चाहिए.