दुबई के अजमान जेल से छूटकर लौटा ओडराई का अरविंद

गाजीपुर से विकास राय

vikash_raiदुल्‍लहपुर थाना क्षेत्र के ओडराई गांव का अरविन्‍द बनवासी दुबई के अजमान जेल से छूटकर रविवार को अपने घर आ गया. उससे दलालों ने 70 हजार रुपये लेकर टूरिस्‍ट वीजा पर सेंटरिंग के काम का हवाला देते हुये अगस्‍त माह में दुबई भेजा था. तीन महीने तक टूरिस्‍ट वीजा का समय था. जिसके समाप्‍त होते ही पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया. 22 वर्षीय अरविन्‍द ने जिस प्रकार अपना दुखड़ा सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज भूषण दूबे को सुनाया उसे जानकर पैसा कमाने व चकाचौंध की जिन्‍दगी जीने का ख्‍वाब पालकर खाड़ी के देशों में जाने वाले भी सोचे बगैर नहीं रह सकते.

आठवीं कक्षा उत्‍तीर्ण अरविन्‍द को दुबई भेजने के लिये उसके पिता हरदेव एवं मां गामा देवी ने अपने बीस वर्षों की मजदूरी के पैसे लगा दिए. उसके बाद भी पैसे कम पड़ने पर दस प्रतिशत ब्याज पर पैसे लेने के साथ अपना तीन मण्‍डा खेत भी गिरवी रख दिया. अगस्‍त माह में  दुबई गए अरविन्‍द को मजदूरी पर लगा दिया गया और जैसे ही टूरिस्‍ट वीजा  की अवधि तीन माह समाप्‍त हुई, वैसे ही नवम्‍बर माह के प्रथम सप्‍ताह में उसे स्‍थानीय पुलिस ने पकड़कर अमजान जेल में डाल दिया.

जनता थाने ने की थी पहल

जेल जाने की खबर पाकर अरविन्‍द के पिता हरदेव एवं मां गामा देवी ने गाजीपुर के जनता थाना शास्‍त्री नगर पर गुहार लगाया था. जहां सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी फरियाद पोर्टल के माध्‍यम से प्रधानमंत्री व विदेश मंत्रालय तक पहुंचाया था. शिकायत पोर्टल के माध्‍यम से दुबई दूतावास व उचित माध्‍यम को प्रेषित की गयी थी.

एक रोटी सुबह व एक रोटी मिलती थी शाम को

अरविन्‍द ने कहा कि अपने देश में मिट्टी फेंककर जी लेना ठीक है, विदेश जाने के बनिस्बत. वहां सुबह व शाम को एक रोटी चटनी के साथ मिलती थी. दोपहर में एक कटोरी चावल सब्‍जी के साथ दिया जाता था. दोबारा मांगने पर डांट पड़ती थी. हां, उसने यह जरूर कहा कि वहां की जेल में कैदियों से कोई काम नहीं लिया जाता था. साथ ही शौचालय व पेयजल का अनुकूल प्रबन्‍ध था. उसने कहा कि जिन दलालों ने हमारे साथ छल किया है, उसके लिये हम थाना दुल्‍लहपुर में आपराधिक रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहते हैं. हमारे जैसे सैकडों भोले-भाले लोगों को टूरिस्‍ट वीजा पर विदेश भेज दिया गया है, जो आज वहां पर जेल की सलाखों के पीछे हैं.

उक्‍त अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल स्‍वरूप पाण्‍डेय, गुल्लू सिंह यादव,  भाई मनोज कुमार यादव, उत्‍कर्ष, ज्ञान प्रकाश पाण्‍डेय, फिरोज, रामाशीष यादव, दिव्यांशु पाण्‍डेय ग्राम प्रधान अजय पाण्‍डेय आदि ने अरविन्‍द का दुख बांटा. साथ ही बनवासी बस्‍ती में गर्म कपड़ा भी वितरित किया गया.

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