डॉ. विवेकी राय – यहीं पैदा हुए, पले-बढ़े और ऐसा रचे कि दिलों में घर कर गए

गाजीपुर। साहित्यकार डॉ.विवेकी राय ऐसे के प्रशंसकों में बुद्धिजीवी, राजनीतिक, समाजसेवी, व्यावसायी भी शामिल हैं. रविवार को अग्रवाल पैलेस  में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में इसका एहसास हुआ. इस श्रद्धांजलि सभा में जनपद के साहित्यकार, शिक्षक, वकील, चिकित्सक, पत्रकार सहित राजनीतिक, समाजसेवी तक सभी तबके के लोग पहुंचे. डॉ.विवेकी राय के प्रति उपस्थित सभी लोगों में श्रद्धा का भाव साफ साफ दिखाई दे रहा था. करईल की माटी की सोंधी महक को गरिमा प्रदान करने वाले डॉ. विवेकी राय की इस श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता के लिए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.कन्हैया सिंह स्वयं उपस्थित थे.

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उन्होंने कहा कि डॉ.विवेकी राय एक संतवत् साहित्यकार थे. उनकी कृतियों ने ही उन्हें कीर्ति दी. आज ऐसा कि पूरा साहित्य जगत ही उनके निधन से मर्माहत एवं शोकाकुल है. ग्राम्य संस्कृति, रीति-नीति की समझ और उसमें स्वयं को आत्मसात करने की ललक ही थी कि वह गाजीपुर को छोड़ कर कहीं नहीं गए. यहीं पैदा हुए. पले-बढ़े. पढ़े-लिखे और इतना लिखे कि उन जैसा कोई दूसरा नहीं दिखता. करइल की माटी. गांव और उनके सभी पात्र चर्चित हैं. इस श्रद्धांजलि सभा में धर्मार्थ मंत्री विजय मिश्र, एमएलसी विशाल सिंह चंचल, दीनानाथ शास्त्री, पूर्व विधायक अमिताभ अनिल दूबे तथा पशुपतिनाथ राय, सच्चिदानंद राय, अनिल कुमार सिंह अनिलाभ, संतोष यादव, डॉ.विमला मिश्र, प्रो.केएन सिंह, राजेंद्र सिंह बिसेन, दिनेशचंद्र शर्मा, लालजी राय (पूर्व आइएएस), विजय शंकर राय, रणजीत सिंह, राम आधार राय, डॉ.हरिहर सिंह, शेख जैनुल आब्दीन, कमलाशंकर यादव, मारकंडेय सिंह, चंद्रशेखर तिवारी, मोहम्मद सलमान सईद, शेषनाथ राय, रामबचन सिंह, ओमनारायण राय, डॉ.श्रीकांत पांडेय, त्रिभुवन वेणु, अनंत प्रकाश वर्मा, प्रमोद राय, डॉ.पीएन सिंह, रामाज्ञा राय, सुरेंद्र नाथ भारती, अख्तर कलीम, डॉ.अरविंद सिंह, जनार्दन सिंह, डॉ.केएन लाल, नगर पालिका परिषद चेयरमैन विनोद अग्रवाल, कमलाशंकर राय, शिवेंद्र पाठक, प्रो.बीडी मिश्र, जनार्दन राय, गजाधर शर्मा गंगेश, माया सिंह, ऐश्वर्य नारायण राय आदि ने डॉ.विवेकी राय के जीवन तथा साहित्य में योगदान पर विस्तार से चर्चा की. श्रद्धांजलि सभा में आए सभी लोगों द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया. स्वागत भाषण डॉ.शकुंतला राय तथा संचालन डॉ.व्यासमुनि राय ने किया. कार्यक्रम में उपस्थित सभी के प्रति डॉ.मांधाता राय ने आभार व्यक्त किया. अंत में डॉ.विवेकी राय के पौत्र यशवंत नारायण राय ने अपने दादाश्री के निकटवर्तियों से आगे भी आशीर्वाद, स्नेह की अपेक्षा की. मालूम हो कि डॉ.विवेकी राय का बीते मंगलवार की भोर में वाराणसी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. अंत में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की.

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