बलिया में सहकारिता आंदोलन को गति देने का अभियान प्रारंभ
गांव के किसान बन रहे हैं साधन सहकारी समिति का सदस्य
बलिया. जनपद में इस समय होत फजीरे किसान अपने-अपने गांव में हाथ में एक फॉर्म लिए हुए किसानों के द्वार पर पहुंचकर उनसे सहकारी समितियां का सदस्य बनने का अनुरोध करते देखे जा रहे हैं.
किसानों से एक आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर के साथ सदस्यता शुल्क के रूप में 221 रुपए लिया जा रहा है. इस प्रकार किसान प्राथमिक सहकारी समितियों के सदस्य बनते जा रहे हैं. इससे किसानों में खुशी की लहर है और किसान सहकारिता आंदोलन को एक बार फिर गति देने के विचार में है.
सहकारिता भारत का मूल भाव है. सहकारिता आंदोलन के दौरान किसानों का हित अपार संभावनाओं से भरा हुआ है और इस सहकारिता आंदोलन से प्रगति के द्वार खुलेंगे. इस प्रकार के विचार व्यक्त करते हुए विभिन्न समुदाय के लोग सहकारिता आंदोलन को गति देने में लगे हुए हैं.
प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने प्रदेश के किसान भाइयों के नाम एक संदेश पत्र जारी किया है. राज्य मंत्री राठौर ने प्रदेश के किसानों से कहा है कि आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के संकल्प को पूर्ण करने में सहकारिता आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है .भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर व उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारिता का अहम योगदान हो सकता है.
सहकारिता राज्य मंत्री ने भारत सरकार के सहकारिता मंत्री अमित शाह के संदेश का जिक्र करते हुए कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में साधन सहकारी समितियां को फिर से सक्रिय करने के लिए एक से 30 सितंबर तक सदस्यता महा अभियान 2023 चलाया जा रहा है. प्रदेश के कृषक जो साधन सहकारी समितियां के सदस्य नहीं है, उन्हें सदस्य बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाना उत्तर प्रदेश सरकार के संकल्प में शामिल है.
सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने संदेश में कहा है कि इस सदस्यता महा अभियान को सफल बनाने के लिए साधन सहकारी समितियां जिला सहकारी बैंक समेत सभी नवनिर्वाचित प्रबंध कमेटी के सदस्यों एवं सहकारिता विभाग में कार्यरत समस्त कार्मिकों का उन्होंने आवाहन किया है कि वे पूर्ण मनोयोग से व्यक्तिगत प्रयास कर अधिक से अधिक कृषकों को साधन सहकारी समितियां का सदस्य बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें. सहकारिता राज्य मंत्री के इस संदेश का गांव में व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है.
बलिया जनपद के विकासखंड दुबहर में नौ न्याय पंचायत में 9 साधन सहकारी समितियां कार्यरत थी जो अब निष्क्रिय पड़ी हुई है. उन समितियां को फिर से सक्रिय करने की उत्तर प्रदेश सरकार की मनसा को भांपते हुए किसान सक्रिय देखे जा रहे हैं. इस प्रकार आंदोलन को गति देने के लिए विकासखंड दुबहर कार्यालय पर चालू माह में एक दिन बैठक कर किसानों से आग्रह किया गया कि वे सहकारिता आंदोलन को गति देने में अपना पूरा योगदान दें.