रामचरित मानस के पात्रों का चरित्र जीवन में उतारने की जरूरत

दुबहर ,बलिया. लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान तीसरे दिन कथावाचक साधना जी ने कहा कि राम कथा का उद्देश्य आम जनों के जीवन में कैसा उतार-चढ़ाव आता है, भाई भाई के बीच कैसा आचरण होना चाहिए. परिवार में रहकर बड़े भाई का कर्तव्य क्या है. समाज के प्रति आम जनों की सोच क्या होनी चाहिए. पति पत्नी के बीच कैसा रिश्ता होना चाहिए. यह सारी चीजें राम चरित्र मानस में भरी पड़ीं है लेकिन आमजन रामचरित्र मानस का अनुसरण स्वयं नहीं कर सकते.

इसके लिए उन्हें कथा के रूप में आम जनों को बताने की आवश्यकता है.कथा सुन श्रोता गण एवं भक्त अनुरागी अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं. इसीलिए समय-समय पर आम जनों के बीच राम चरित्र मानस के कथा का आयोजन होना चाहि. कथावाचक साधना जी ने हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं एवं पुरुषों के बीच रामकथा का उद्देश्य बताकर वाहवाही लूटी.

विदित हो कि लक्ष्मी नारायण यज्ञ के तीसरे दिन उन्होंने यह बातें कहीं. यज्ञ 13 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक आयोजित है. 21 दिसंबर को पूर्णाहुति होगी एवं उसी दिन संध्या 4:00 से भंडारे का आयोजन सुनिश्चित है. यज्ञ सीताकुंड ग्राम सभा के उत्तर पोखरे पर हो रहा है जहां दोपहर 1:00 से 3:00 तक एवं संध्या में 6:00 से 9:00 तक प्रवचन का कार्य होता है.

इस कार्य को संपन्न कराने के लिए आधा दर्जन प्रवचन कर्ता एवं साधु संतों की टोली यज्ञ स्थल पर मौजूद है जिनमें शक्तिपुत्र जी महाराज, अरविंद सिंह जी महाराज मुख्य रूप से है. यज्ञ को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए अरविंद तिवारी पोस्ट मास्टर ,सत्येंद्र तिवारी, कमलेश यादव पूर्व प्रधान, आदर्श तिवारी, कुर्बान अंसारी, ओम प्रकाश, टनमन पांडे एवं अजीत तिवारी लगे हुए हैं.
बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट

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