
बलिया. आज 2 नवंबर है। आज अक्षय नवमी का पर्व है। अक्षय नवमी 1 नवंबर को रात 11बजकर 4मिनट पर शुरू हो गया है तथा 2 नवंबर को रात में 9बजकर 9मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन आवंला वृक्ष की पूजा की जाती है। हमारे हिंदू धर्म में वृक्षों की पूजा का भी अलग अलग महत्व है।
कहा जाता है कि आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु एवं सबसे ऊपर वाले हिस्से पर ब्रह्मा व स्कंध में रुद्र यानी भगवान शंकर का वास होता है।
आंवला वृक्ष के हर भागों में अलग-अलग देवी-देवताओं के वास होना बताया जाता है। कहा जाता है कि है कि आंवला वृक्ष के नीचे अक्षय नवमी की पूजा करने पर धन दौलत में वृद्धि होती है वहीं विभिन्न प्रकार की समस्याएं जैसे विवाह संतान दांपत्य जीवन आदि सभी समस्याओं का निदान हो जाता है।
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अक्षय नवमी की पूजा करने का महत्व गौदान के बराबर है। अक्षय नवमी को आंवला के वृक्ष के नीचे पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है एवं सुख समृद्धि में वृद्धि करती है। इस दिन आंवला के वृक्ष में धागा लपेटा जाता है और पूजा पाठ करने के बाद आंवला के वृक्ष के नीचे ही भोजन किया जाता है। अक्षय नवमी के दिन को उत्तम फलदाई माना गया है।
(बलिया लाइव संवाददाता वीरेंद्र सिंह की रिपोर्ट)