गड़वार, बलिया. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दीपावली के पर्व के ठीक दूसरे दिन मनाया जाने वाला यह गोवर्धन पूजा कल सूर्य ग्रहण के कारण 1 दिन विलंब से लगभग हर जगह मनाया गया, गोवर्धन पूजा यानी अन्नकूट का यह अपने भाइयों के लंबी उम्र और उनके सुरक्षा को देखते हुए मनाया जाता है।
आज के दिन बहने इस पूजा की समाप्ति के उपरांत मुख में अन्न जल ग्रहण करते हैं, प्रातः काल उठ कर घर परिवार के बड़े बुजुर्ग या बच्चे भी रिंगनी के काट और चने की व्यवस्था कर घर की महिलाओं और कुंवारी लड़कियों को देते हैं, जिस कांटे और चने को अपने हाथों में ले पर्व के विधि अनुसार भाइयों को श्राप दिया जाता है और फिर गोवर्धन पूजा के उपरांत वहां से आए जल को लेकर माता बहने जल को लेकर भाई को दिए गए सर आप का खंडन कर जल ग्रहण करती हैं, यह परंपरा अनादि काल से भगवान श्री कृष्ण चन्द्र द्वारा आरंभ कराया गया था जो यह परंपरा सबसे अब तक चली आ रही है।
(बलिया से ओमप्रकाश पाण्डेय की रिपोर्ट)