बलिया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व विधायक बलिया सदर पं. राम अनंत पांडेय की 118वीं जयंती समारोह महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया.
इस गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि पं. जी देश की आजादी के लिए जीवन भर संघर्ष करते हुए अनेकों बार जेल यात्रा किए, जिसके फलस्वरूप देश आजाद हुआ और हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं.
वहीं दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अलख जगाने का संकल्प दुहराया गया.
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इस महान योद्धा का जन्म 23 सितम्बर 1904 को जनपद के ग्राम दलन छपरा के एक सभ्रान्त ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
जनपद की क्रांतिकारी परम्परा के उत्तराधिकारियों की जब भी चर्चा होगी तो सेनानी पं.रामअनंत पांडेय का नाम सम्मान से लिया जायेगा.
वह मुख्तारी पेशे से जुड़े थे लेकिन उसे छोड़कर सन् 1930 में गांधी का नमक सत्याग्रह आंदोलन प्रारम्भ होने पर कांग्रेस में शामिल हो गये.
पाण्डेय जी जिला कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. 1948 में बलिया विकास बोर्ड के अध्यक्ष बनाये गये.
19 अगस्त 1942 को जब बलिया आजाद हुआ था तो चित्तू पाण्डेय आजाद बलिया के पहले कलेक्टर घोषित किए गए थे. और पं.राम अनन्त पांडेय डिप्टी कलेक्टर बनाए गए थे.
1952-1957 तथा 1962-1967 तक बलिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे। अपने कार्यकाल में अति महत्वपूर्ण कार्य कराए तथा समाज को स्वस्थ दिशा-निर्देश देते रहे. वह जीवन पर्यन्त ईमानदारी, सादा जीवन और उच्च विचार के प्रतिमूर्ति बने रहे.
इसके अलावा पं. राम अनन्त पांडेय जी कई शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक और प्रबन्धक भी थे, जो कि आज भी अनवरत चल रही हैं
पं. राम अनन्त पांडेय जी को 1975 में ताम्रपत्र से नवाजा गया था.
पं. राम अनन्त पांडेय के पौत्र आदित्य पांडेय ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की और उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)