रसड़ा के अठिलापुर गांव का है मामला, मचा हड़कंप
रसड़ा(बलिया)। विकास खण्ड अठीलापुरा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना में 72 लाख के घोटाले पर पूर्व एवं वर्तमान सचिव समेत फर्जी आवास लाभर्थियों पर मुकदमा पंजीकृत होते ही हड़कम्प मच गया. जांच के बाद मौके पर मौजूद दोनों सचिवों को पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस द्वारा दोनों सचिवों को हिरासत में लेने देर शाम तक प्रधानों एवं सचिवों का जमावड़ा लगा रहा. रविवार को नोडल अधिकारी सेन्थिल पण्डियन सी द्वारा रसड़ा नवनिर्मित विद्युत सब स्टेशन निरीक्षण के दौरान गांव के योगेन्द्र प्रसाद, गुलाबी देवी, अरविन्द कुमार गुप्ता, शान्ति देवी, अनिल एवं बदामी देवी ने शिकायती पत्र देकर आवास में धन आहरण किये जाने का शिकायत किया था. जिस पर जांच उपजिलाधिकारी को मिली थी. त्रिस्तरीय टीम की जांच में शांति देवी पत्नी जयप्रकाश, कमली पत्नी गुलाब, गुलाबी देवी पत्नी देवमुक्ता, योगेंद्र पुत्र देवनाथ, श्रवण पुत्र प्यारी, सविता पत्नी गुड्डू, मीरा पत्नी रामधीन, लीलावती पत्नी जगदीश, धंजू पुत्र सीताराम, श्यामदेईया पत्नी इंद्रदेव, रामदेव पुत्र खरपत्तू, परमानंद पुत्र बाबूलाल, सुतली पत्नी बिकाऊ, लल्लन पुत्र श्यामसुंदर इन पात्र व्यक्तियों का पैसा अज्ञात व्यक्तियों के खाते से आहरण कर लिया गया है. पैसा आहरण करने के बावजूद मौके पर आवास पूर्ण नही मिले. जबकी कागज में पूर्ण है. ये लाभार्थी ममता पत्नी लल्लन, जीरा पत्नी मुन्नी लाल, भगरानी देवी पत्नी मथुरा, लाल मुनी पत्नी तूफानी, श्रीराम परदेशी सिद्धनाथ पुत्र सागर तूफानी एवं सुभाष पुत्र गण फौजदार, सावित्री पत्नी हरखू, जय राम पुत्र सखीचंद, कमलावती पुत्री अबलू, सुदिन पुत्र धर्मदेव, रीता पुत्री हरिहर, शिव कुमार पुत्र रामअवध, बासमती पत्नी सुंदर, लालची पत्नी जमुना है. त्रिस्तरी जांच में गांव में पात्रता सूची में नाम सही है. परन्तु समान नाम के ब्यक्ति का बैंक खाता फ्रिज कराकर गलत व्यक्ति को पैसा भेजकर आहरण करने, मृत व्यक्तियों को आवास आवंटित कर आहरण कर एव कूट रचित खाते द्वारा अपात्र व्यक्तियों के खाते में पैसा भेज कर आहरण करना. जिओ टेगिग कर अपात्र व्यक्तियों का पैसा आहरण करने की कमियां पायी गयी. जिसमे पूर्व ग्राम विकास अधिकारी हर्षदेव एव ग्राम पंचायत अधिकारी विजय शंकर एव गांव के तीन दलाल धर्मेन्द्र पुत्र सुदामा राजकिशोर पुत्र मुसाफिर मोनू पुत्र सुरेश एव फर्जी आवास लाभर्थियों पर उपजिलाधिकारी के निर्देश पर खंडविकास अधिकारी अशोक कुमार ने मुकदमा पंजीकृत कराया. मुकदमा पंजीकृत होते ही हड़कम्प मच गया.