
वाराणसी/कानपुर से संतोष सिंह
28 अगस्त से शुरू हुआ था अभियान. उफनाती गंगा में कानपुर से वाराणसी तक 570 किलोमीटर तैरेगी नन्ही जलपरी. 200 किलोमीटर तैर कर मानिकपुर पहुंची. 13 साल की श्रद्धा शुक्ला गंगा की उफनती लहरों के बीच कानपुर से वाराणसी तक का सफर तय कर नया रिकॉर्ड बनाने के सफर पर रविवार को रवाना हुई थी.

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नन्हीं जलपरी यह सफर चार पड़ाव को पार कर पूरी करेगी. वह रोज केवल 100 किलोमीटर तैरेगी, इस दौरान वह केवल चार स्थानों पर रात में रूकेगी. (अ) चण्डिका देवी, बक्सर, उन्नाव (ब) दूसरा पड़ाव फतेहपुर (स) तीसरा पड़ाव कौशाम्बी (द) आखिरी पड़ाव इलाहाबाद.
श्रद्धा की सुरक्षा के लिए इस सफर के दौरान दस गोताखोरों का दस्ता भी गंगा में मौजूद रहेगा. इमरजेंसी में निपटने के लिए चार नावें गंगा में हर वक्त तैयार रहेंगी, जिस पर नाविक भी साथ मौजूद होंगे, इसमें खाने-पीने का सामान है. इसके अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी नाव में रहेगी.
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पिता ललित शुक्ला के मुताबिक श्रद्धा ने केवल ढ़ाई साल की उम्र से तैराकी सीखा. उसके बाबा जब गंगा में नहाने जाते थे तो वे उसे भी अपने साथ ले जाते थे. इसी दौरान श्रद्धा की दिलचस्पी तैराकी की ओर हुई और वो कुछ ही महीनों में एक कुशल तैराक बन गई. श्रद्धा के पिता और बाबा गोताखोर रहे हैं. मालूम हो कि श्रद्धा कानपुर से इलाहाबाद तक की 270 किलोमीटर की दूरी पहले भी तय कर चुकी है. पहले भी उसने कई कीर्तिमान उसकी आंखों में ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना है.
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