दो दिन के अंदर ग्राम निधि के खाते का बैलेंस करें शून्य
शौचालय के लाभार्थियों के खाते में भेजें धनराशि, बनवाने को करें प्रेरित
बलिया। शौचालय निर्माण की खराब प्रगति वाले जिले के 157 ग्राम प्रधानों संग जिलाधिकारी ने बैठक की. इन ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण फोटो अपलोडिंग की स्थित या तो शून्य है या दस से भी कम है. जिलाधिकारी ने स्थिति का कारण पूछने के बाद साफ कहा कि दो दिन के अंदर ग्राम निधि खाते की पूरी धनराशि लाभार्थियों के खाते में होनी चाहिए. साथ ही लाभार्थियों को निर्माण शुरू करा देने को कहें. उन्होंने दो टूक कहा कि आप सबकी समस्या के लिए हम सब गंभीर है, बशर्ते आप लोग भी जनहित के कार्य में रूचि लें.
जिलाधिकारी ने कहा कि धनराशि भेजने में बैंक सम्बन्धित कोई दिक्कत आए तो लीड बैंक मैनेजर को बताएं. अगर सचिव रूचि न लें तो डीपीआरओ को या जिले स्तर पर बने वाॅर रूप को सूचित करें. अब तनिक भी लापरवाही पर कार्रवाई होगी. जिलाधिकारी ने ऐसे गांवों की जानकारी ली जहां सचिव तैनात नहीं है. रेवती ब्लाॅक के निलंबित सचिव दिनेश सिंह की जगह उन गांवों में शीघ्र किसी सचिव को सम्बद्ध करने का निर्देश दिया.
सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि ग्राम प्रधान गांव का प्रतिष्ठित पद होता है. शौचालय निर्माण में तेजी लाकर अपनी नेतृत्व क्षमता को दिखाएं. बैठक में प्रभारी डीपीआरओ अविनाश कुमार, डीपीसी शैलेश ओझा आदि थे.
लाभार्थियों का एल्बम बनाने पर प्रधान की सराहना
दुबहर ब्लाॅक के हरिपुर गांव के प्रधान शिवकुमार गुप्ता ने शौचालय निर्माण के लाभार्थियों से सम्बन्धित एक एल्बम बनाया है. रजिस्टर पर एक पन्ने पर एक लाभार्थी का पूरा विवरण दर्ज है. रजिस्टर को देखने मात्र से उस गांव में शौचालय निर्माण की स्थिति साफ हो जाती है. जिलाधिकारी ने इस कार्य की सराहना करते हुए सभी ग्राम प्रधान को ऐसा करने की जरूरत बताई. साथ ही कहा कि शौचालय निर्माण में तेजी लाने के लिए अपने स्तर से भी कोई नई पहल कर सकते हैं तो करें.
सचिवों को सुनाई खरी-खोटी
शौचालय निर्माण में खराब प्रगति वाले 157 ग्राम पंचायत के सचिवों को जिलाधिकारी ने जमकर खरी खोटी सुनाई. वजह कि इन अधिकांश गांवों में दस फीसदी फोटो अपलोडिंग का कार्य भी नहीं हुआ है. डीएम ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अब काफी कम समय बचा है. कई महीनों से निर्देश देने और समस्या सुनने का सिलसिला जारी है. लेकिन अब कार्रवाई का दौर शुरू होगा. इससे बचने के लिए तेजी से शौचालय निर्माण करवाएं और फोटो अपलोडिंग का कार्य में तेजी लाएं.
इन 157 में अधिसंख्य गांव ग्राम पंचायत में करोड़ों रुपए डंप पड़े हैं. एक-एक पंचायत सचिव को खड़ा करा कर इसका कारण पूछा गया. जिलाधिकारी ने चेताया कि दो दिन के अंदर इन पैसों को लाभार्थियों के खाते में भिजवाएं. अन्यथा बड़ी कार्रवाई को तैयार रहें. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बेसलाइन सर्वे से इतर अगर किसी ने शौचालय दिया होगा तो वह धनराशि संबंधित पंचायत सचिव की वेतन से काटी जाएगी.