लालगंज (बलिया)। दोकटी थाना क्षेत्र के बाजिदपुर गांव निवासी सौरव सिंह (22) पुत्र अंगद सिंह बिहार पुलिस का प्रशिक्षु सिपाही था. गुरुवार की शाम असलहों से लैस बदमाशों ने जमालपुर-भागलपुर रेलखंड के बरियारपुर रेलवे स्टेशन पर सौरव को गोली मार दी. शातिरों ने उसे सिर में गोली मारी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
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आननफानन में घायल पुलिस कर्मी को ट्रेन से जमालपुर ले जाया गया. हालत ज्यादा खराब होने के चलते उसे मुंगेर सदर अस्पताल पहुंचाया गया. हालांकि स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर उसे पटना ले जाते वक्त उसकी रास्ते में ही मौत हो गई. सौरव को गोली किसने और क्यों मारी? फिलहाल बिहार पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है. तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मसलन चूंकि वह नक्सल प्रभावित सुल्तानगंज में तैनात था, इसलिए कहा जा रहा है कि नक्सलियों ने उसे मार दिया. उसकी मौत की सूचना दोकटी पुलिस ने शुक्रवार की सुबह परिजनों को दी. इसकी सूचना मिलते ही बाजिदपुर स्थित उसके घर पर कोहराम मच गया. परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल है.
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खबर सुनते ही परिजनों के रोने चिल्लाने की आवाज सुन आसपास के ग्रामीण भी जुट गए. सभी यह घटना सुनकर स्तब्ध रह गए. सौरव सिंह के पिता का देहांत कुछ ही वर्ष पहले हुआ है. उनकी मां शांति देवी का रो रो कर बुरा हाल है. खबर सुनते ही उसके दो भाई सुल्तानगंज के लिए रवाना हो गए. गौरतलब है कि सौरव सिंह की शादी अभी नहीं हुई थी.
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बरियारपुर रेलवे स्टेशन पर अपराधियों की गोली के शिकार हुए बिहार पुलिस के जवान सौरभ सिंह के शव को पोस्टमार्टम के बाद मुंगेर पुलिस लाइन लाया गया. जहां एसपी आशीष भारती, एसआरपी स्वपना मेशराम, एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा, सार्जेंट मेंजर अरविंद शर्मा, कोतवाली इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिन्हा के साथ अन्य अधिकारियों व पुलिस के जवानों ने मृत जवान को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मौके पर जवानों ने मातमी धुन के बीच शस्त्र झुका कर अपने साथी को अंतिम विदाई दी. वहीं, शव को तिरंगे में लिपट कर जब गाड़ी रखा गया पुलिस वालों की आंखें नम हो गईं.
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