बांसडीह (बलिया)। सहतवार थाना क्षेत्र के ग्राम सभा मुड़ाडीह के दतौली गांव निवासी पिता अपनी बेटी का हाथ पीला करवाने उसी के साथ गांव आ रहे थे, मगर पुखरायां (कानपुर) ट्रेन हादसे में दोनों की मौत हो गई. इस खबर से पूरे गांव में कोहराम मच गया.
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घर वालों का रो रोकर बुरा हाल है. बुधवार की सुबह इन्दौर से उनकी पत्नी और बेटे के आते ही पूरे गांव में मातम का महौल हो गया. मौत की सूचना मिलते ही घर वालों ने वहां पहुंचकर बाप-बेटी की लाश को पहचाना और अपने कब्जे मे लेकर अन्तिम संस्कार कर दिया.
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दतौली निवासी आनन्द सिंह (58) पुत्र स्व. बन्शीधर सिंह अपनी छोटी पुत्री नीलू (22), बड़ी बेटी नेहा (28) और उसके तीन साल के बेटे के साथ इन्दौर-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस से सगाई कराने के लिए आ रहे थे. नीलू की 25 नवम्बर को सगाई होनी थी. रविवार को कानपुर देहात के पुखरायां के पास हुई ट्रेन दुर्घटना में बाप-बेटी दोनों ने दम तोड़ दिया.
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संयोग अच्छा था कि इस भीषण हादसे में नेहा के तीन वर्ष के इकलौते बेटे को कोई खरोंच तक नहीँ आई, महप गम्भीर रूप से घायल नेहा का इलाज फिलहाल कानपुर में चल रहा है. नेहा के पति सत्येन्द्र सिंह का भी लगभग चार माह पूर्व देहान्त हो गया था. विडम्बना यह है कि ये सभी आनन्द सिंह के ही आश्रित हैं. आनन्द सिंह इन्दौर में प्राइवेट फैक्ट्री में काम करते थे.
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अपने परिवार के साथ वहीं रहते थे. 25 नवम्बर को उनकी बेटी नीलू की सगाई थी. इसीलिए वे अपने गांव आ रहे थे. मगर रास्ते मे ही कानपुर देहात के पुखरायां के पास हुई ट्रेन दुर्घटना में बाप-बेटी की मौत हो गयी. नेहा गम्भीर रूप से घायल है. उसका तीन साल का बेटा बाल बाल बच गया. आनन्द सिह के दो बेटियां एवं एक बेटा कृष्णा सिंह है.
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