रसड़ा से संतोष सिंह
हल्की सी बारिश ने ही आदर्श नगर पालिका के तथाकथित विकास की कलई खोल दी. इस साल बेहतर बारिश की संभावना जताई जा रही है. हालांकि जिले में शुरुआत वैसी नहीं रही है. फिर अगर बरसात ठीक ठाक हो गई तो नगर वासियो की फजीहत होनी तय है. वजह है नगर में जल निकासी की खस्ताहालत. पिछले कई सालों से दमदार बारिश न होने के चलते संकट इतना नहीं गहराया, मगर इस साल यहां के बाशिंदे आशंकित है. उनके जेहन में टीवी पर देखी गई चेन्नई त्रासदी की यादें अभी ताजा है.
जल संचयन के इकलौते स्रोत को भी पाट दिया
मालूम हो कि अंधाधुंध विकास के नाम पर चेन्नई में जल संचयन के सारे स्रोतों को पाट दिया गया. मगर जब झमाझम बारिश हुई तो चेन्नई की त्रासदी दुनिया के लिए खबर बन गई. छोटे स्वरूप में ही सही, रसड़ा नगर की भी स्थिति वैसी ही है. उत्तरपट्टी में एक पुरानी गढ़ही थी जिसमे नगर का पानी व बरसात का पानी जाकर गिरता था. उस गढ़ही को पाट कर मकान बना दिया गया. इत्तफाक ही समझिए, उस गढ़ही को पाटने के बाद कभी अच्छी बरसात ही नहीं हुई.
नगर का मुख्य नाला बदबू का जरिया बना
जलनिकासी न होने के वजह से नगर का मुख्य नाला बदबू का जरिया बना हुआ है. नतीजतन आस पास के लोगो का जीना दुश्वार है. हर चुनाव में जोर शोर से जल निकासी का मुद्दा उठाया जाता है, परन्तु मतदान के बाद यह मुद्दा ठन्डे बस्ते में चला जाता है. नगर की जल निकासी की समस्या गंभीर है. इस समस्या पर नगर पालिका का ध्यान नहीं जाना चिन्ता का विषय है. अभी थोड़ी सी बारिश में पानी नालियों के ऊपर बह रहा है. सड़कों पर भी जल जमाव है.
नगर के विकास कार्यों में मानक का ख्याल नहीं रखा गया
अगले चुनाव के सम्भावित प्रत्याशी अंदरखाने तैयारी शुरू कर चुके हैं. नगर में जल निकासी की समस्या के साथ साथ नगर में मानक के अनुरूप काम नहीं किया गया है. नगर की कई नालियां एवम सड़कें तो निर्माण के कुछ ही दिन बाद टूट गयी हैं, जो चुनाव में प्रमुख चुनावी मुद्दे बनने तय है. नगर में विकास के मुद्दे पर बहस शुरू है. बरसात अगर ठीक ठाक हो गई तो रसड़ा में तथाकथित विकास तमाशा वाकई देखा जाएगा. नगर के विकास की पूरी कलई खुल जाएगी. (इस रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई सारी तसवीरें रसड़ा के विराट गुप्ता उर्फ Trejri Gupta की हैं)
रसड़ा नगर का बहुत बुरा हाल है. पंद्रह मिनट पानी बरस जाए तो गलियां और सड़कें डूब जाती हैं. खस्ताहाल सड़कें और नालियां नागरिकों के लिए परेशानी का सबब है. कई बार शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई. यहां पैसा पास होता नई नालियों के निर्माण का, मगर ईंटों की तीन तहें जोड़कर काम पूरा बता दिया जाता है. जनता के पैसे का यहां जमकर दुरुपयोग किया गया है. 20 साल से यहां एक ही साहब का राज है पर अब भी बहुत सी ऐसी गलियां हैं जहां नालियां तक नहीं बनी है – विराट गुप्ता उर्फ Trejri Gupta (बलिया लाइव के फेसबुक वाल पर की गईं टिप्पणियां)