​एक का छोटा सिक्का बंद होने की अफवाह बना सिरदर्द

नोटबंदी के बाद बाजार में सिक्कों की आ गई बाढ़

हल्दी/सिकंदरपुर (बलिया)। विकास खण्ड बेलहरी व सिकंदरपुर समेत लगभग पूरे जिले के गांवों, बाजारों व चट्टी-चौराहे के दुकानदारों द्वारा एक का सिक्के लेने से साफ इनकार किया जा रहा है. जिस कारण ग्राहकों व दुकानदारों के बीच तू- तू, मैं- मैं आये दिन हो रहे है. ग्राहकों का कहना है कि सरकार ने इन नए सिक्को को बन्द नहीं किया है, तो दुकानदार क्यों लेने से मना कर रहे है ? नोटबंदी के बाद से सिक्कों की संख्या बाजार में काफी हो गया है. जो सबके लिए मुसीबत बन गया है. ऐसे में दुकानदारों व ग्राहकों द्वारा इस तरह की अफवाहों पर अधिकारियों को अंकुश लगाना बहुत ही जरूरी हो गया है.

हल्दी प्रतिनिधि के मुताबिक आठ नवंबर 2016 को जब नोटबंदी लागू हुई, तो छोटे नोट व सिक्कों का क्रेज बढ़ गया. इस दौरान जब पैसे को लेकर हाय-तौबा मचा तो औरतें घरों के गुल्लक में रखे पैसे को निकाल कर अपनी जरुरतों को पूरा करने लगी. दुकानदारों को भी जरूरत थी, तो वे भी बड़े चाव से खुला पैसा बटोरने में लग गये. इसके बाद भी दिक्कतें नहीं गई, तो सरकार ने मंदिरों के दान पेटियों से सारा खुल्ला बाहर निकलवाने का काम किया. देखते ही देखते बाजार में काफी तादाद में  एक, दो, पांच व दस के सिक्के आ गए. लगभग तीन माह पहले भी दस के सिक्कों को लेकर जगह-जगह लोगों ने बवाल काटा.

बाजार में इन दिनों एक रुपये का छोटे सिक्कों को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. कोई-कोई एक का छोटे सिक्कों की न चलने बात करता है, तो कोई छोटा व बड़ा दोनों को लेकर अफवाहें फैलाने में लगे है. ऐसी स्थिति में ग्राहकों व दुकानदारों के बीच रोज किच-किच हो रहा है. ग्राहक दुकानदारों पर मनमानी करने का आरोप लगा रहा है.  वहीं दुकानदारों का कहना है कि जब कोई छोटे सिक्कों को कोई ले नहीं रहा है, तो हम लोग लेकर क्या करेंगे.

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जिला प्रशासन से लेकर संबंधित बैक अधिकारियों की चुप्पी के कारण इस समस्या को रोज-रोज बढावा मिल रहा है. बैक मैनेजर सिक्कों को नहीं ले रहे हैं. दुकानदारों व व्यापारियों की माने तो ये सिक्के एक एक के यहाँ पांच हजार से लेकर 25 हजार तक डंप पड़ा है.

सिक्के न लेने का कोई मामला सामने नहीं आया है.अगर कोई नहीं ले रहा है तो ये गलत है. जिले के लीड बैक के चेयरमैन को इस विषय में बतायेगें – निखिल टीकाराम फुंडे (उपजिलाधिकारी सदर )

सिक्कों के बंद होने जैसे कोई बात नहीं है.अगर कोई कहता है तो यह ठीक नहीं है. जिला मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक की मेन शाखा में सिक्का जमा होता है – बबन यादव, प्रब॔धक, भरतीय स्टेट बैंक, शाखा हल्दी  

सिकन्दरपुर प्रतिनिधि के मुताबिक आजकल एक और दो रुपये के सिक्कों के न चलने की अफवाह पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन छोटे बड़े क्षेत्र के दुकानदारो द्वारा एक और दो रुपए के सिक्के लेने से इंकार करने पर स्थानीय क्षेत्र के लोग बेवजह परेशानी का शिकार होन पड़ रहा है. क्षेत्रीय लोगों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए सिक्कों को लेकर उत्पन्न हुई समस्या को हल करने की मांग की है.

एक और दो रुपए के सिक्के न लेने वालों पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं सिक्का न लेना भारतीय मुद्रा का अपमान है. सरकार द्वारा सभी प्रकार के सिक्के चलमान हैं. फिर भी कुछ खुराफाती तत्वों द्वारा अफवाहें फैला कर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा है. जो कानूनन अपराध है –  वरुन गुप्ता, व्यवसायी, सिकंदरपुर 

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