प्रतियोगिता के इस युग में व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास करने वाली शिक्षा की आवश्यकता पर हो युवाओं का जोर

किसी भी कार्य की सार्थकता जब सिद्ध हो जाती है तो वही कार्य समाज के लिए मार्गदर्शन का कार्य करने लगता है

बैरिया(बलिया)। खाकी बाबा के मठिया गोन्हियाछपरा के प्रांगण में युवा शैलेश सिंह द्वारा आयोजित निःशुल्क क्विज प्रतियोगिता के मेधावियों के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. जिसके मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के असिस्टेण्ट प्रोफेसर डा० रजनीश जैन तथा विशिष्ट अतिथि चंदौली से पधारे समाज सेवी दुर्गेश सिंह एवं झारखण्ड सचिवालय के पदाधिकारी नितांत सिंह रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य एवं पर्यावरणविद डा० गणेश कुमार पाठक ने की.


शैलेष सिंह द्वारा निःशुल्क प्रतियोगिता का शुभारम्भ स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों को आत्मसात करते हुए प्रारम्भ किया गया है. ऐसे में समारोह का मुख्य विषय स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर ही केन्द्रित रहा.

विशिष्ट अतिथि समाजसेवी दुर्गेश सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई मिशन किसी उद्देश्य को लेकर चलाया जाता है, और निःस्वार्थ भाव से किया जाता है. तो उस मिशन की सफलता निश्चित होती है. विशिष्ट अतिथि नितांत जी ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है. किसी भी कार्य की सार्थकता जब सिद्ध हो जाती है तो वही कार्य समाज के लिए मार्गदर्शन का कार्य करने लगता है.

बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा० रजनीश जैन ने कहा कि किसी कार्य को प्रारम्भ कर देना तो आसान है लेकिन उसे मुकाम पर पहुँचाना बहुत ही कठिन होता है. शैलेष जी ने जो कार्य शुरू किया है, वह इतना आसान नहीं है. किन्तु इनकी दृढ़ इच्छा, लगन एवं कार्य के प्रति जो समर्पण की भावना है वह निश्चित ही उन्हें सफलता प्रदान की है और आगे ये अपने उद्देश्य की पूर्णरूपेण प्राप्ति करेंगे और न केवल इस क्षेत्र के प्रतियोगियों के लिए, बल्कि देश एवं प्रदेश स्तर पर इनकी पहचान कायम होगी.मुख्य अतिथि ने कहाकि यह कार्य एक उद्देश्य पर आधारित है और स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर आधारित है तो इसकी सफलता निश्चित है.

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि बलिया की धरती बहुत ही उर्वर है. यहाँ के बच्चों में इतनी अधिक क्षमता, जिजीविसा, बुद्धिमता एवं आन्तर्मन में इतना ज्ञान छिपा है कि वो किसी भी प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, और कर भी रहे हैं. आज आवश्यकता है बस उन्हें दिशा देने की और यह कार्य शैलेश बखूबी निभा रहे हैं. शुरू में अनेक कठिनाईयों से जुझते हुए उन्होंने इस क्षेत्र के प्रतियोगियों के लिए संकल्प के तहत जो मार्ग दिखाया कि आज उनके साथ पूरा कारवां चलने को तैयार है. कहा कि स्वामी विवेकानन्द धर्म, अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वय के आधार पर शिक्षा के हिमायती थे. उनका विचार था कि शिक्षा ऐसी दी जाय जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक एवं चारित्रिक विकास हो तथा उनमें संस्कार पैदा हो, और जब बच्चों में इन गुणों का विकास हो जाता है तो उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो जाता है.

कार्यक्रम को अमित सिंह परमार, ओम प्रकाश यादव उर्फ लालू यादव, झलन स़िह , संतोष सिंह , सुनील सिंह, माधवेन्द्र सिंह, धर्मेन्द्र तिवारी, सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया.

उल्लेखनीय है कि गोन्हियाछपरा निवासी युवा शैलेश सिंह द्वारा विगत दो वर्ष से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे युवाओं के लिए रविवार को निःशुल्क क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. तैयारी कराई जाती है, मार्गदर्शन दिया जाता है. समय समय पर छोटे कार्यक्रमों के माध्यम से तैयारी मे रत छात्रों का उत्साह वर्धन कराया जाता है. उनके इस कार्य के लिए शिक्षा मित्र संघ के श्यामनन्दन मिश्र तथा अनुदेशक संघ के ज्योतिजीवन द्वारा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. इसी अवसर पर खाकी बाबा आश्रम परिसर में नीम का पौधरोपण किया गया तथा प्रतियोगी छात्रों के लिए पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया. जिसके लिए अमित सिंह परमार ने काफी पुस्तकें प्रदान की. सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए युवा शैलेश ने बहुत ही शीघ्र हाईस्कूल स्तर की छात्राओ के लिए निःशुल्क तैयारी कराने तथा प्रत्येक शनिवार व रविवार को शाम के समय अंग्रेजी स्पीकिंग की तैयारी कराने की घोषणा की. कार्यक्रम का संचालन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेण्ट प्रोफेसर प्रेम प्रकाश सिंह ने किया.

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