केले की खेती से जिन्दगी संवारने में जुटे युवा किसान ओमकार

वैज्ञानिक खेती से बेरोजगारी को किया बाय

बिल्थरारोड(बलिया)।  आज किसान आधुनिक खेती की ओर अपना ध्यान बढ़ाने लगे है, और वैज्ञानिक विधि से खेती करके अपने फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त करके आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं.
क्षेत्र के चन्दाडीह गांव के युुवा प्रगतिशील किसान ओमकार मणि तिवारी वैज्ञानिक विधि से लगभग 5 बीघा केले की खेती करके किसानों की प्रेरणा के स्रोत बने हुए है. इन्होंने 5 बीघा केले की खेती से एक वर्ष में 10 लाख की कमाई की है. जो एक मिसाल है. ओमकार मणि तिवारी का कहना है कि केले की एक घेवद का वजन लगभग 30 से 35 किलोग्राम होता है. अन्य फसलों की अपेक्षा केले की खेती किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद है. इसे नीलगायों या अन्य पशुओं से नुकसान करने का भी डर नही है. केले की खेती करने से पहले किसान अपने खेत की मिट्टी की जाँच करा लें, जिससे यह पता चल जाय कि किस तत्व की कमी है, और उस तत्व की पूर्ति करें. पूरे खेत मे गोबर की खाद और जैविक खादों का प्रयोग करें, साथ ही समय – समय पर केले की क्यारियों की निराई- गुणाई के बाद पानी भी वैज्ञानिक तरीके चलाया जाय. जिससे मिट्टी में उर्वरा शक्ति बनी रहे. केले के पौधे पर या पत्तियों पर यदि कोई रोग दिखाई दे तो तुरन्त किसान काल सेन्टर पर सम्पर्क करके इसके निदान हेतु उचित कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग करें. इनका कहना है कि किसानों के लिये सरकार द्वारा अनेक लाभकारी योजनायें चलाई गयी है. जिससे सब्सिडी पर केले के बीज उपलब्ध है. इस वर्ष ओमकार मणि तिवारी पहली बार मे ही केले की अच्छी पैदावार व आमदनी प्राप्त करने के बाद 3 बीघा और केले के पौधे लगाये है. अब कुल 8 बीघा केले की खेती किये है. साथ ही गांव व क्षेत्र के अन्य किसानों को केले की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते है. इनके द्वारा समय पर खाद व दवाइयों का प्रयोग, सिंचाई तथा समुचित देखभाल से केले की लहलहाती फसल की लम्बी-लम्बी घेवद लोगो के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है. इनका मानना है कि अगर अच्छी तरह से वैज्ञानिक विधि द्वारा केले की खेती की जाय तो सरकारी नौकरी से भी अच्छा है. इनसे सीख लेते हुए अन्य गांव के किसान केले की खेती किये है.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE