पेयजल शुद्धता मापने की ट्रेनिंग या खानापूर्ति, आंगनबाड़ी और आशा को सूचना ही नहीं मिली

हल्दी,बलिया. भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत महिलाओं को जल की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच करने के लिए सशक्त किया जा रहा है. विकास खण्ड बेलहरी के सोनवानी स्थित ब्लॉक मुख्यालय के ड्वाकरा हाल में गुरुवार को जल जीवन मिशन के तहत 31 ग्राम पंचायतों के स्वयं सहायता समूह की चयनित करीब 130 महिलाओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.

 

प्रक्षिक्षक आशुतोष कुमार गिरि (लैब इंचार्ज , जल निगम), शुभंकर चौधरी व सहायक मोहित सिंह द्वारा पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए सभी को जांच करने की विधि बताई गई. इस दौरान पानी में जीवाणु परीक्षण, क्लोराइड, हार्डनेस, आयरन, नाइट्रेट, फ्लोराइड, क्लोरीन, पीएच, गन्दलापन, एलक्लीनिटी, आर्सेनिक आदि की जांच करने के लिए फील्ड टेस्ट किट्स (एफटीके) का वितरण किया किया.

 

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इस प्रशिक्षण शिविर को लेकर सवाल भी खड़े हुए. जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण में सिर्फ महिला सहायता समूह की महिलाएं ही उपस्थित रही जबकि सरकार द्वारा इन महिलाओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी, आशा बहुओं को भी प्रशिक्षित कर प्रत्येक गांव में एक टीम गठित किये जाने का निर्देश है जो मिल कर जल की जांच करेंगी.

विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते आशा व आंगनबाड़ी को सूचना ही नहीं दी गई जिसके कारण वह प्रशिक्षण मे उपस्थित नहीं हो पाई. वही प्रशिक्षण बीडीओ व एडीओ की गैरमौजूदगी में कराया गया जिसके चलते जिस जल जीवन मिशन के लिए जिन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया वह सुबह से अपने छोटे बच्चों के साथ एक गिलास पानी के लिए तरसती रहीं क्योंकि ब्लॉक पर सुबह 09:30 बजे से आयी महिलाओं के लिए जलपान तो छोड़िए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं थी. जिम्मेदार अधिकारियों ने सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया.

(हल्दी से रिपोर्टर आरके की रिपोर्ट)

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