जब फफक फफक कर रोने लगे बिरहा गायक….

When the singer started crying bitterly...
जब फफक फफक कर रोने लगे बिरहा गायक….
नसीरपुर मठ में आयोजित थी श्रद्धांजलि सभा

बलिया. बिरहा जगत में एक अलग पहचान रखने वाले बिरहा जगत के गौरव, गायक परशुराम यादव की तेरहवीं के अवसर पर मंगलवार की देर शाम नसीरपुर मठ, कोटवा नारायणपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. शाम से लेकर सारी रात श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा. उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड के कोने-कोने से पहुंचे सैकड़ों कलाकारों ने अपनी गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की.

बिरहा की प्रसिद्ध गायिका गीता त्यागी ने अपनी गीत-“बिरहा जगत के गौरव और श्रृंगार थे परशु… वहीं बिरहा सम्राट विजय लाल यादव ने अपनी गीत- “खोजेले नजरिया सुबहो शाम, भैया परशुराम कहवा मीलिहें… सुनाकर सभा को गमगीन बना दिया.

इसी क्रम में बिरहा के दिग्गज गायक ओमप्रकाश सिंह यादव ने अपनी श्रद्धांजलि गीत- “गुरुजी के छीन लिहले हमसे भगवान हो… गाकर फफक-फफक रोने लगे. उस समय पूरा माहौल गमगीन हो गया. सभी कलाकारों का स्वर्गीय परशुराम यादव के बड़े भाई शिवदयाल यादव, शिव बच्चन यादव एवं उनके पुत्र अखिलेश यादव, शंकराचार्य एवं कृपाचार्य ने स्वागत कर स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन कमलेश यादव एडवोकेट ने किया.

श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से विधायक जयप्रकाश अंचल, राजन कनौजिया, गायक एवं पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव, बाला प्रसाद, सुरेंद्र यादव, नंदलाल रवि, डॉक्टर मन्नू यादव, चंद्र किशोर पांडेय, दुर्जन यादव, विश्वनाथ यादव, उपेंद्र लाल, शिव कुमार, अवधेश यादव, ओमप्रकाश दीवाना, प्रमोद लाल, ज्ञानी यादव, कवि प्यारे लाल, मंगल कवि, गायिका गीता त्यागी, रजनीगंधा, लक्ष्मी प्रियदर्शी, मीरा मूर्ति, सरोज त्यागी, करिश्मा शास्त्री, सरोज सरगम, मनीषा राज, अनीता, सुषमा भारती, मीनाक्षी राज, अंशिका कुशवाहा, नीतू राज, नीतू चंचल, रामाशीष, बब्बन विद्यार्थी, अंबिका यादव, कालीचरण प्रसाद आदि मौजूद रहे.

  • के के पाठक की रिपोर्ट
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