


होम्योपैथ के डॉक्टर ने लगाया इंजेक्शन तो मरीज की बिगड़ी हालत
मरीज ने चिकित्सक के खिलाफ खोला मोर्चा
बलिया. डॉक्टर को कलियुग में भगवान का दर्जा दिया गया है. क्योंकि किसी भी चिकित्सकीय समस्या में वह मरीज की जान बचाने के लिए पढ़ाई करके सेवा भाव में लगे रहते है परंतु कुछ डॉक्टर ऐसे भी जिनका उद्देश्य मानव सेवा की जगह लक्ष्मीजी की सेवा बनता जा रहा है. ऐसे लोग डॉक्टरी के पवित्र पेशे को भी बदनाम करने में लगे हुए है.
ताजा वाकया चितबड़ागांव नगर का है. जहां होम्योपैथी डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने से हालत बिगड़ने और जान जाने की नौबत तक सामने आने की घटना हुई है. स्थानीय थाना क्षेत्र के संजय सिंह पुत्र स्वर्गीय रामदेव सिंह निवासी सुजायत (बगही) को तेज बुखार आने पर परिजन नजदीकी डॉक्टर अखिलेश सिंह के पास ले गए. जहां डॉक्टर ने संजय को दो इंजेक्शन लगाए. बकौल संजय सिंह उसके बाद उनकी हालत गंभीर होने लगी और मुंह से झाग निकलने लगा.
संजय के अनुसार उनकी पल्स भी बंद होने लगी और उन्हे लगा कि उनकी जान अब नहीं बच पाएगी. हालत बिगड़ने पर डॉक्टर अखिलेश सिंह ने परिजनों को उन्हे बलिया ले जाने की सलाह दी. आनन फानन में परिजन उन्हे जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज किया तो उनकी जान बची.


ठीक होने के पश्चात संजय ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने से लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला अधिकारी तक की. आईजीआरएस पर उक्त डॉक्टर की शिकायत की. संजय ने बताया कि शिकायत के बाद डॉक्टर साहब 2 बार लोगों का हुजूम लेकर उनके घर भी गए और सुलह समझौते का दबाव बनाया. स्थानीय थाने से लेकर उच्च अधिकारियों तक ऊंचे रसूख के कारण उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. अगर मेरे साथ न्याय नहीं हुआ तो मैं सरकार के हर दफ्तर तक दस्तक देकर न्याय की गुहार लगाता रहूंगा.
इस संबंध में जब डॉक्टर अखिलेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो होम्योपैथ के डॉक्टर है परंतु जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में अंग्रेजी दवा और इंजेक्शन का भी प्रयोग करते है. लंबे समय से वह इसी विधा से मरीजों को ठीक करते आ रहे है. ऐसे में एक तरफ मरीज संजय सिंह का गंभीर आरोप और दूसरी तरफ डॉक्टर अखिलेश सिंह की स्वीकारोक्ति सारी कहानी अपने आप बयान करती है.
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आशीष दुबे की रिपोर्ट