राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन 11 जून को आरा-छपरा पुल के उद्घाटन की तैयारी
छपरा से लवकुश सिंह
यह सहीं है कि तीन पड़ोसी जिले आरा, छपरा और बलिया के बीच पुराने गहरे संबंध हैं. शादी-विवाह से लेकर, रैयत तक के मामलों में उक्त तीनों जिलों में लोगों का हमेशा आना जाना होता है. बिहार सरकार ने छपरा व आरा के बीच की दूरी को कम का ख्याल जरूर रखा, किंतु इस मामले में बलिया पूरी तरह कट गया. जी हां, नीतीश सरकार ने ही गंगा नदी पर पुल निर्माण कराने का निर्णय वर्ष 2010 में लिया था. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जुलाई 2010 को राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान छपरा-आरा पुल का शिलान्यास किया.
उन्होंने कहा था कि इस पुल का निर्माण कार्य चार वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा, किंतु इसके निर्माण में कुल सात वर्ष का समय लगा. इस पुल का उद्घाटन करने की तिथि भी 11 जून निर्धारित कर दी गई है, किंतु इसमें भी विवाद है. यह 11 जून राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है. बिहार प्रदेश भाजपा नहीं चाहती कि इसका उद्घाटन उनके जन्मदिन पर हो.
तब सिन्हा में पुल के लिए सिताबदियारा में हुआ था घमासान
इस सेतु को लेकर सिताबदियारा में वर्ष 2010 में खूब घमासान हुआ था. आरा के सिन्हा के लोग भी चाहते थे कि यह पुल जयप्रकाशनगर और सिन्हा के सीध में गंगा नदी पर बने. इसके लिए जब सीएम नीतीश सिताबदियारा में अपनी बिहार विकास यात्रा की शुरूआत करने आए थे, तब हजारों लोगों ने इस मांग को काफी मजबूती से उनके सामने रखा था, किंतु नीतीश ने मंच से ही इसे नकार दिया. उसी के एवज में मुहली में एक पीपा पुल दिया, ताकि इलाकाई लोगों का आक्राश ठंडा हो सके.
एनएच-19 और एनएच-30 को जोड़ेगा यह पुल
इस पुल के चालू होने के बाद छपरा से आरा, औरंगाबाद, बक्सर एवं सासाराम की दूरी काफी कम हो जाएगी. यह पुल एनएच-19 एवं एनएच-30 को जोड़ेगा. पुल का निर्माण कराने वाले बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी दिन रात इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं. वहीं सारण जिला प्रशासन भी इस पुल के उद्घाटन को लेकर तैयारी में जुट गया है. डीएम हरिहर प्रसाद से लेकर जिले के वरीय अधिकारियों द्वारा लगातार पुल एवं उसके एप्रोच सड़क के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जा रहा है. उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए वहां संपूर्ण तैयारियां तेज हैं.
पुल निर्माण के बाद विभिन्न स्थलों की दूरी होगी कम
स्थानों का नाम निर्माण के पूर्व निर्माण के बाद
छपरा-आरा 135 किमी 50 किमी
छपरा-औरंगाबाद 225 किमी 165 किमी
छपरा-बक्सर 211 किमी 126 किमी
छपरा-सासाराम 232 किमी 147 किमी
छपरा-आरा पुल का ब्योरा एक नजर में
शिलान्यास की तिथि-12 जुलाई 2010
प्रशासनिक स्वीकृति-676.00 करोड़
पुल की लंबाई-4000.00 मीटर
किसी के जन्मदिन पर गिफ्ट नहीं दिया जा सकता पुल – भाजपा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जन्मदिवस पर आरा छपरा पुल के उद्घाटन को लेकर बिहार भाजपा विरोध के मूड में है. विगत शनिवार को दरियावगंज स्थित आरा छपरा बेस कैम्प पर पहुंचे भाजपा विपक्षी दल के नेता व बिहार सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिहार की राजनीति मे अब शायद यही शेष रह गया था कि जनता की सम्पति अब नेताओं को जन्मदिन पर गिफ्ट किए जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि यह जनता की सम्पति है तेजस्वी जी के घर की सम्पति नहीं जो अपने पिता के जन्मदिन पर दान कर दें . उन्होंने कहा कि यदि गिफ्ट ही करना है तो इसे संपूर्ण क्रांति दिवस पर गिफ्ट कर देना चाहिए था. इससे भी नहीं तो 25 जून को देश मे इमरजेंसी लागू हुआ था उस तिथि को समर्पित कर दें. यदि ऐसा नहीं होता तो बिहार भाजपा इसका विरोध करती है.
भिखारी ठाकुर के नाम पर हो पुल का नामकरण
इस क्रम मे दियारे क्षेत्र के कोटवा विकास संघर्ष समिति के सदस्यो के द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमे आरा-छपरा पुल का नामकरण लोककवि भिखारी ठाकुर के नाम पर करने की सिफारिश की गई.