भागवत कथा से विचार और संस्कार बदलेंगे : डा. जय गणेश

दुबहर: क्षेत्र के नगवा स्थित त्रिदंडी स्वामी घाट पर श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध कथावाचक पंडित डॉक्टर डॉ. जय गणेश चौबे ने कहा कि भागवत कथा इस कलयुग में मुक्ति का साधन ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के अंदर सद्विचार जगाने का भी सशक्त माध्यम है.

उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को जब शुकदेव जी मंच पर विराजमान हुए तो उन्होंने राजा को जीव के कल्याण और मुक्ति के लिए भागवत कथा को सुगम रास्ता बताया.

डॉ. चौबे ने कहा कि व्यक्ति किताबें पढ़कर कितना भी ज्ञान अर्जित कर लेकिन जब तक वह इस संसार में कोई गुरु नहीं बनाता, पूर्ण रूप से ज्ञानी नहीं हो सकता. उसकी किताबी ज्ञान अधूरी ही रह जाती है.

उन्होंने कहा कि मानस में लिखा भी गया है बिन गुरु ज्ञान ना होही. समय-समय पर गुरु ही व्यावहारिक जगत का ज्ञान देते हैं जिसके सहारे हम अपने जीवन रूपी नैया सही तरीके से पार ले जाते हैं.

आयोजन में गायक पप्पू पांडे ने ‘जिंदगी एक किराए का घर है एक न एक दिन बदलना पड़ेगा’ सहित कई भजन सुनाये. इस मौके पर तारकेश्वर पाठक, चंद्रभूषण पाठक, धर्मेन्द्र पाठक, जगेश्वर मितवा, उमाशंकर पाठक, बबुआ पाठक, आदित्य पाठक, अरुण सिंह, हरिशंकर, रमन, ललन तिवारी, परमेश्वर, राधेश्याम, सन्तोष यादव आदि भी मौजूद थे.

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