बलिया। राज्य सरकार यदि केंद्र सरकार की योजनाओं में पारदर्शिता नहीं बरतती है, सलीके से निर्धारित अवधि के अंदर केंद्र द्वारा मुहैया करवाये गए धन का उपयोग नहीं करती है, तो केंद्र सरकार सहायता राशि रोक देगी. ऐसा कहना है केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल का.
श्री गोयल ने बुधवार को बलिया के टाउन हाल के मैदान इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीसीडी) एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का शुभारंभ करते हुए ये बातें कहीं. कहा कि प्रधानमंत्री ने ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी देने के साथ ही निर्देश दिया है कि देश के ऊर्जा पर आने वाले पूरे बजट का अधिकतम हिस्सा उत्तर पूर्वी भारत को देना है. घर-घर तक बिजली पहुंचाने के लिए राज्यों को दिए जाने वाले बजट में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और बिहार को दिया गया है. उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति मात्र 550 यूनिट बिजली मिल रही है, जबकि अन्य राज्यों में एक हजार से डेढ़ हजार यूनिट तक प्रति व्यक्ति बिजली मिलती है.
विद्युत राज्यमंत्री श्री गोयल ने बताया कि इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम आईपीएस केंद्र सरकार की प्रमुख स्कीम है, जिस का प्रयास सबको 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना है. इसका मकसद पूरे देश में विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क को मजबूत करना है.