बेखौफ जारी है गंगा के किनारे सफेद बालू का खनन

बढ़ सकती है कटान की समस्या, कट सकते हैं खे

ट्रैक्टरों की देर रात तक गूंजते तेज आवाज से लोगों का सोना मुश्किल

दुबहड़(बलिया)। क्षेत्र के श्रीरामपुर, भरसर एवं महावीर घाट पर आए दिन खनन धड़ल्ले से चल रहा है. रोज सुबह तीन बजे से लेकर दिन के 11 बजे तक, फिर शाम तीन बजे से लेकर रात के सात बजे तक दर्जनों ट्रैक्टर जेसीबी से सफेद बालू का खनन कर रहे हैं. क्षेत्र में यह कार्य लगभग कई महीने से अंधाधुंध हो रहा है. हालांकि क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित पुलिस से लेकर खनन विभाग के अधिकारियों तक की है. लेकिन यहाँ पर अवैध खनन का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिना खनन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में हम कुछ भी नहीं कर सकते. इस कार्य में लगे ट्रैक्टर मालिकों की पहुंच भी ऊपर तक बताई जाती है. जो मिलीभगत के कारण बड़े आसानी से इस काम को अंजाम दे रहे हैं. कई महीनों से लाल बालू की कीमत बढ़ जाने के कारण सफेद बालू का सहारा लेकर गांव में शौचालय बनाने तथा अन्य निर्माण कार्यों में सफेद बालू की मांग तेजी से बढ़ गई है. ग्रामीणों को परेशानी उस समय होती है, जब सोने के समय दर्जनों ट्रैक्टर उनके घरों के रास्ते से शोर मचाते हुए आते जाते हैं, लोगो के नींद में खलल उत्पन्न होता है. सरकार द्वारा इन स्थानों पर खनन की किसी तरह की ना तो पट्टे किया गया है, ना ही ठेका दिया गया है. फिर भी मनबढ़ किस्म के ट्रैक्टर मालिक बिना रोक-टोक इस धंधे में अपनी कमाई करने में मशगूल हैं. क्षेत्र के जागरूक युवा मंच के लोगों ने इसकी आवाज कई बार उठाई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. जागरुक युवा मंच के सदस्य एके सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर गंगा के किनारे हो रहे सफेद बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए पत्र लिखा है . पत्र में उन्होंने लिखा है कि अगर समय रहते इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इनका मनोबल दिनों दिन बढ़ता जाएगा और ये लोग भविष्य में अगर गंगा नदी में बाढ़ आती है तो आसपास के गांव के लिए खतरा उत्पन्न करेंगे. जहां खेती की हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि इनके चलते जमींदोज हो सकती है. उन्होंने किसानों तथा ग्रामीणों की सुविधाओं को देखते हुए इन अवैध खनन करने वाले लोगों पर अंकुश लगाने तथा उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

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