बैरिया,बलिया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा में शनिवार की सुबह इलाज के दौरान एक ढाई वर्षीय मासूम की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक के आवास के सामने जमकर बवाल काटा. सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया.
रानीगंज कोटवा निवासी सुभाष उर्फ माझिल तुरहा के ढाई वर्षीय पुत्र प्रिंस की तबीयत भोर में बिगड़ गई. परिजन बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवां सुबह 6 बजे के लगभग डॉ विजय यादव के आवास पर पहुंच गए.
परिजनों का आरोप है कि लगभग 1 घंटे तक डॉक्टर ने अपने दरवाजे पर बैठाया रखे. कहा कि चाय पीकर आ रहे हैं. लगभग 1 घंटे बाद उनका एक कर्मचारी बाहर आया और एक पर्ची देकर कहा की जाओ यह इंजेक्शन खरीद लाओ. जब हम दौड़े दौड़े इंजेक्शन खरीद कर ले आए तो उसी कर्मचारी ने इंजेक्शन लगाया. इस बीच डॉक्टर साहब ने बच्चे को देखा तक नहीं. केवल हम लोगों से बच्चे को क्या परेशानी है यही पूछे थे. इंजेक्शन लगाने के लगभग 10 मिनट बाद वही कर्मचारी जो इंजेक्शन लगाया था बच्चे को देखने आया और कहा कि अरे यह तो मर गया.
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने एक घंटे तक इंतजार करवा कर बच्चे की जान ले ली. जीना मरना तो भगवान के हाथ में है लेकिन वही डॉक्टर 1 घंटे पहले दवा इलाज शुरू कर दिए होते तो शायद बच्चे की जान बच जाती. इस संदर्भ में जब डॉक्टर विजय यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने बच्चे को देखा था. उसकी आंख बंद थी. वह बेहोश था. मैंने इंजेक्शन लिखकर मंगवाया और लगवाया, उसको बलिया रेफर किया जा रहा था तभी यह घटना हो गई.
जब उसके परिजन बवाल करने लगे हाथापाई पर आमादा हो गए तो पुलिस को बुलाया गया. एस एच ओ बैरिया योगेंद्र बहादुर सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सुबह-सुबह अस्पताल से फोन आया कि कुछ लोग बवाल कर रहे हैं तो पुलिस भेजी गई. मौके पर पहुंचे हमारे जवानों ने परिजनों की बात सुने और उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराते हुए उन्हें घर भेज दिया गया. अस्पताल पर शांति व्यवस्था बहाल है.
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)