बांसडीह,बलिया. आजादी की लड़ाई में असहयोग आंदोलन में बलिया के प्रथम शहीद पंडित रामदहिन ओझा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं, अधिकारियों ने बांसडीह डाक बंगला स्थित शहीद पंडित रामदहिन ओझा की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया.
इस दौरान बांसडीह डाक बंगले पर आयोजित विचार गोष्ठी में बताया गया कि स्वतन्त्रा आंदोलन में पंडित रामदहिन ओझा ने मात्र 30 वर्ष की आयु में ही अंग्रेजो के दांत खट्टे कर दिए। उन्होंने बलिदान दे दिया लेकिन झुकना उन्हें मंजूर नहीं था. कुछ वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी उन सेनानियों-शहीदों को भुला रही है लेकिन आने वाले समय के लिये यह ठीक नहीं है.
इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह,पूर्व ब्लाक प्रमुख उमाशंकर पाठक, डॉक्टर डीके शुक्ला,कौशल सिंह, जैनेंद्र पांडेय मिंटू, सूर्यकांत यादव,रामदयाल तिवारी,शशिकांत सिंह, रंजन सिंह, राकेश मिश्रा,मुखिया पांडेय,पूनम गुप्ता, सिंम्पी सिंह, दिग्विजय सिंह,अवनीश पांडेय,अमरनाथ पांडेय,प्रिंस तिवारी,रोहित सिंह, अमरनाथ पांडेय,सत्यम तिवारी,अमर सिंह,पवन तिवारी सहित बड़ी सख्या में लोग उपस्थित रहे.
(बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट)