ट्रक की आमने सामने की भिड़ंत में हवा में उछली बाइक, तीन युवकों की मौत

बलिया। रेवती-बैरिया मार्ग पर चौबेछपरा ढाला के पास शनिवार दोपहर डेढ़ बजे बाइक और ट्रक की भिड़ंत में तीन युवकों की जान चली गई. हादसे में जान गंवाने वाले युवक रेवती कस्बे के खुद्दादीन अखाड़ा वार्ड नं आठ के निवासी बताए जा रहे हैं. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वहां ब्रेकर बनाने की मांग पर सड़क पर धरना दिया और चक्का जाम कर दिया.

मौके पर पहुंचे सीओ बैरिया उमेश यादव के आश्‍वासन पर जाम खत्म हुआ. पुलिस ने मौके की नज़ाकत को देखते हुए तीनों युवकों के शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया. हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर फरार हो गया. इस मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस ने घेराबंदी की तो चालक व खलासी बैरिया थाना क्षेत्र के जगन के डेरा के पास ट्रक छोड़कर फरार हो गए. रेवती पुलिस की सूचना पर बाद में बैरिया पुलिस ने ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया.

बताया जाता है कि राजा राजभर (23) पुत्र रामनरायन राजभर नागपंचमी पर खुद्दादीन अखाड़ा पर निकलने वाले महाबीरी झंडा जुलूस के लिए सामान लेकर बाइक से बैरिया से रेवती लौट रहा था. राजा के साथ मुहल्ले के ही उसके दोस्त बीरबहादुर साहनी (18) पुत्र मुक्तेश्वर साहनी और आंख से न देख पाने वाले अमावस राजभर उर्फ सूरदास पुत्र स्व. बलिराम राजभर निवासीगण कस्बा रेवती वार्ड नं आठ भी बाइक पर सवार थे. चौबेछपरा ढाला के समीप रेवती से बैरिया की तरफ जा रहे ट्रक से उनकी आमने सामने की भिड़ंत हो गई. इस हादसे में तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.

घटना की सूचना मिलते ही एसएचओ रेवती शिव मंगल, थानाध्यक्ष बैरिया संजय त्रिपाठी, दोकटी थानाध्यक्ष अखिलेश मौर्य, एसआई परमानंद त्रिपाठी आदि मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मान मन्नौवल कर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया. मौके पर मिले राजा राजभर के मोबाइल, हैलमेट तथा बाइक से युवकों की पहचान हुई और परिजनों को सू‍चित किया गया. घटना से मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया. तीनों युवकों की शादी नही हुई थी, तीनों परिवार के कमाऊ सदस्य थे. 

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो बाइक-ट्रक की आमने-सामने की टक्कर में दो सड़क पर तथा तीसरा कुछ दूर खाई में उछलकर गिर पड़ा. उनकी बाइक भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी. हादसे के बाद आसपास के लोग दौड़कर पहुंचे जरुर, लेकिन तब तक तीनों की जान जा चुकी थी. बताया जाता है कि मृतक राजाराम चार भाइयों में तीसरे नम्बर का था. बेटे की मौत की खबर मिलने के बाद पिता रामनरायन व मां कबुतरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. बीरबहादुर चार भाइयों में सबसे छोटा था. सड़क दुर्घटना में उसकी मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, माता पानपति व पिता मुक्तेश्वर बेटे के गम में बिलखने लगे. अमावस उर्फ सूरदास चार भाइयों में चौथे नम्बर पर था. उसके पिता बलिराम का काफी दिनों पहले निधन हो चुका है. मां शिवदासों के साथ ही परिवार के अन्य लोग दहाड़े मारकर रो रहे थे. तीनों के एक ही मुहल्ले के थे तथा उनका घर अगल-बगल था. लिहाजा भीड़ सभी के दरवाजे पर जुटी थी. लोग मां-बाप व अन्य परिजनों को सांत्वना दे रहे थे.

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