हजारों शिक्षामित्रों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर सरकार के बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया

इस सरकार में शिक्षक आत्महत्या करने को मजबूर, प्रदेश में 650 से अधिक शिक्षामित्र मर चुके

बलिया। प्रदेश सरकार के उपेक्षा के कारण तिल-तिल मर रहे शिक्षामित्रों ने प्रदेश संगठन के आह्वान पर सोमवार के दिन जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन कर सरकार के बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया. इस दौरान जनपद के कई कर्मचारी संगठनों के अलावा हजारों की संख्या में शिक्षामित्र उपस्थित रहे.
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील पांडेय कान्ह जी ने कहा कि इस सरकार में शिक्षक आत्महत्या करने को मजबूर है. इस सरकार ने शिक्षकों के साथ केवल वादाखिलाफी ही नहीं की बल्कि उनकी हत्या की है. जिसके चलते उनके बाल बच्चों का जीवन आज बर्बाद हो रहा है. वे तील- तील मरने को मजबूर हैं.

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला मंत्री वेद प्रकाश पान्डेय ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्र और कर्मचारियों को धोखा दिया. इन्होंने चुनावी घोषणा पत्र में कुछ और चुनाव जीतने के बाद कुछ और ही कार्य किया. जिससे आज शिक्षक और कर्मचारी परेशान हो रहे हैं. शिक्षक नेता जगत नारायण चौबे ने कहा कि जिस राज्य में शिक्षक रोता है, उस राज्य की सरकार का भाग्य हमेशा के लिए सो जाता है. इसलिए सरकारों को शिक्षकों के हितों का ख्याल रखना चाहिए, और उनके हक पर डाका नही डालना चाहिए. आदर्श समायोजित शिक्षक/ शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अखिलेश सिंह प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षक एवं कर्मचारी अपने मेहनत और हक की लड़ाई के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाते हैं. शिक्षकों के पेट पर लात मारने वाले लोग अधिक दिनों तक सत्ता में नहीं बने रह सकते हैं. इसलिए इन्हें अतीत से सीख लेने की आवश्यकता है. कहा कि शिक्षामित्रों ने 17 बरस की तपस्या के बाद बेसिक शिक्षा विभाग को अपनी तपस्या के बल पर बुलंदी तक पहुंचाने का काम किया. लेकिन जब शिक्षामित्रों की बारी आई तो सरकार न्यायालय का बहाना बनाकर इनका शोषण करते हुए इनके साथ अन्याय कर रही हैं. इस मौके पर सुशील त्रिपाठी, श्याम कुमार शर्मा, अजय शक्ति यादव, राजेश सिंह, इंद्रजीत यादव, अनेश मिश्रा, प्रमोद सिंह, राजेश अंचल, अनूप तिवारी, संतोष सिह, चंद्रशेखर सिंह, माधव सिंह, नंदलाल प्रसाद, श्रीभगवान चौहान, ज्ञान प्रकाश मिश्रा, सुशील मिश्रा, अजय पांडे, अरविंद सिंह, नरेंद्र पांडे, सुधीर कुमार शुक्ला, शशिकांत चौबे, आनन्द तिवारी, सोनू पांडे, शशिकांत उपाध्याय आदि लोग रहे. अध्यक्षता शिव शंकर तिवारी तथा संचालन अनिल मिश्रा ने किया.

इनसेट

बलिया । समायोजन निरस्त होने के बाद घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षामित्रों को आज भी अपने घर से सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद विद्यालय में पढ़ाने जाना पड़ता है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि महज दस हजार के मामूली मानदेय पर कार्य कर रहे शिक्षामित्र अपना पूरा मानदेय किराये में ही खर्च कर देंगे तो अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे । सरकार इस समस्या से भी मुह मोड़े हुए हैं ।

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