बैंक के सर्वर ने सिकंदरपुर वालों को भी खूब झेलाया

सिकन्दरपुर (बलिया)। बड़े नोटों के बंदी की घोषणा के तीसरे दिन भी बैंकों व बाजारों में अफरा तफरी का माहौल रहा. लोग नोट बदलने, बैंक से पैसा निकालने ,सामान खरीदने के लिए परेशान रहे. कतार में लगकर नोट बदलने में होने वाली देरी के कारण लोगों को काफी कष्ट सहना पड़ा. जबकि 500 व 1000 का नोट लेने से दुकानदारों द्वारा मना कर देने से लोग आवश्यकता के सामानों की खरीदारी किए बगैर सरकार के निर्णय को कोसते वापस अपने घर को चले गए.

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यह तथ्य है कि नोटबंदी के निर्णय का दीर्घकालिक प्रभाव सुखदाई होगा आतंकवाद, जाली नोटों व काला धन पर काफी हद तक अंकुश लगेगा, बावजूद इसके प्रधानमंत्री की अचानक घोषणा ने पूरे समाज को आंदोलित कर के रख दिया है.

शादी विवाह वाले परिवारों में जहां मातम सा माहौल है, उन्हें चिंता सता रही है कि पैसे के अभाव में शादी के विभिन्न रस्म व आवश्यकताएं कैसे पूरी होंगी. वहीं वह महिलाए जो बचत के माध्यम से एक एक रुपया जोड़ छुपा कर रखी हैं, वह छाती पीट रही हैं. उन्हें भय सता रहा है कि उनका बचत धन अपने परिवार में उजागर हो उनके हाथ से निकल जाएगा.

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स्थानीय सेंट्रल बैंक का लिंक फेल होने से शाखा पर जमा निकासी व नोट बदलने आए ग्राहकों को काफी कठिनाई हुई. सुबह 7:00 बजे से ही ग्राहकों की भीड़ लगी थी. इस दौरान बैंक खुलने व काउंटरों पर कर्मचारियों के बैठने पर जैसे ही लेन-देन का काम शुरू करने की तैयारी हुई. तो लिंक फेल पाया गया. दोपहर बाद तक लिंक फेल रहा. जिससे अधिकांश ग्राहक वापस अपने घर को चले गए. स्थानीय स्टेट बैंक की शाखा पर ग्राहकों की सुविधा के लिए प्रबंधक द्वारा बैंक परिसर में टेंट की व्यवस्था की गई थी.

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